
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उच्च न्यायालय ने रामनगर के बैलपड़ाव में बीते दिनों हुए मांस बवाल मामले में नाबालिग की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और याचिका को निस्तारित कर दिया है।
न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में आज कालाढूंगी थाने में दर्ज एफआईआर में हिन्दू संगठनों द्वारा गौमांस होने का हल्ला करते हुए वाहन में तोड़फोड़ और मारपीट करने के आरोपी नाबालिग की गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी याचिका में सुनवाई हुई। एकलपीठ ने नाबालिग की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है।
मामले के अनुसार, बैलपड़ाव निवासी पियूष वर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि कालाढूंगी पुलिस थाने में बीती 23 अक्टूबर को 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता का नाम भी शामिल है।
एफआईआर में कहा गया था कि कुछ हिन्दू संगठनों ने गौमांस होने का हल्ला करते हुए शिकायतकर्ता की गाड़ी में पत्थरों, रॉड और पाटल से तोड़फोड़ की और चालक की पिटाई की। साथ ही चालक को जान से मारने का प्रयास भी किया गया।
शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि अज्ञात हिंदूवादी संगठन के लोगों को वीडियो व फोटो से पहचाना गया तो उस घटना में लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज किए गए।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह इस घटना में शामिल नहीं है, उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वह 16 वर्ष का नाबालिग है और घटना के समय टयूशन से घर को आ रहा था। याचिकाकर्ता की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️)








