काश! ऐसे ही फैसले आते और थोड़ा जल्दी आते तो हर बेटी के माता पिता को मिलता सुकून

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रुद्रपुर, प्रेस 15 न्यूज। काश! ऐसे ही फैसले आते और हर दुराचारी राक्षस को ऐसे ही सजा मिलती तो देवभूमि में हर बेटी के मां बाप निश्चिंत हो जाते।

फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में नाबालिग बेटियों से दुष्कर्म के दो राक्षसों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। साथ ही पीड़ित बेटियों को प्रतिकर देने का भी आदेश दिया है।

बेबस पिता और नाबालिग के आंसुओं की हिसाब

17 सितंबर 2021 को क्षेत्र के एक बेबस पिता ने अपनी 15 साल की बेटी की गुमशुदगी थाने में दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस ने अगले दिन बहेड़ी निवासी राजकुमार उर्फ रवि को गिरफ्तार कर उसके पास से किशोरी को बरामद किया था।

आईपीसी की धारा 363, 366, 376 (3) एवं 3/4 पॉक्सो अधिनियम के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में अपर जिला सत्र न्यायाधीश संगीता आर्या ने मामले की सुनवाई की। विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने 07 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिए।

नौ अगस्त 2024 को अपर जिला जज न्यायाधीश संगीता आर्या ने दोषी रवि को आईपीसी की धारा 376 (3) के तहत 20 साल के कठोर कारावास और 50 हजार ₹ का अर्थदंड, धारा 363 आईपीसी में सात साल की कैद, पांच हजार ₹ जुर्माना और धारा 366 के तहत दस साल और पांच हजार ₹ के जुर्माना की सजा सुनाई। कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। आरोप के दौरान जेल में काटी गई सजा भी शामिल होगी।

कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को सहायता योजना के तहत उचित प्रतिकर दिलाने के भी निर्देश दिए।

खटीमा की पीड़िता को भी मिला न्याय

16 मई 2021 को खटीमा क्षेत्र की एक महिला ने कोतवाली में तहरीर देकर कहा था कि 11 मई की रात खाना खाकर वह अपनी नाबालिग बेटी के साथ सो गई थी। सुबह उठकर देखा तो बेटी घर से गायब मिली। काफी खोजबीन के बाद भी कोई सुराग नहीं लगा।

एक अगस्त 2021 को पुलिस ने गांव लुओरी निवासन खीरी यूपी निवासी विक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से नाबालिग भी बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को बाल विवाह, दुष्कर्म करने सहित कई धाराओं में जेल भेजा था।

मामले की सुनवाई एफटीएससी अपर जिला सत्र न्यायधीश संगीता आर्य की कोर्ट में हुई। जहां विशेष लोक अभियोजक ने 06 गवाह पेश कर विक्रमजीत सिंह पर दोष सिद्ध कर दिया।

जिसके बाद न्यायालय ने विक्रमजीत सिंह को 20 साल कठोर कारावास और 50 हजार ₹ का जुर्माना भरने की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माने में से 40 हजार ₹ के साथ ही प्रशासन की ओर से पीड़िता को एक लाख की प्रतिकर धनराशि देने के आदेश भी दिए।

दोनों ही नाबालिग बेटियों के साथ हुई हैवानियत के मामले में न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। हालाकि जो दर्द जो पीढ़ा बहेड़ी के राजकुमार उर्फ रवि और लखीमपुर खीरी के विक्रमजीत सिंह ने नाबालिग बेटियों और उनके मां बाप को दी, उसके सामने यह सजा कम ही है।

हर बेटी के मां पिता के साथ ही इन पीड़िताओं के मां बाप भी इन दुराचारी राक्षसों के लिए फांसी की सजा की उम्मीद कर रहे थे। 

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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