
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। इन दिनों हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित 10 दिवसीय सरस आजीविका मेला चल रहा है। मेले में सुबह से देर शाम तक रौनक है। उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आए स्वयंसहायता समूहों के उत्पादों के साथ साथ दूसरे राज्यों के उत्पाद भी मेले में छाए हुए हैं।
इधर, शुक्रवार को मेले में कुमाऊं आयुक्त और सचिव माननीय मुख्यमंत्री दीपक रावत भी पहुंचे। उन्होंने विभिन्न स्टॉल में जॉकर उत्पादकों से बात की और उनका हौंसला बढ़ाया। खुद के बीच आयुक्त को पाकर महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

भिकियासैंण अल्मोड़ा के रोशनी स्वायत्त सहकारिता चौनलिया से जुड़ी मंजू देवी और अनीता देवी के स्टॉल पर जब आयुक्त पहुंचे तो सिसौण के चिप्स देखकर हैरान रह गए। उन्होंने मंजू देवी और अनीता देवी को उनकी शानदार पहल के लिए शुभकामनाएं दीं।
बागेश्वर के एक स्टॉल पर जब उद्यमी महिला अनीता टम्टा ने आयुक्त को अपनी तरफ से उपहार में मडुवा की नमकीन देने लगी तो आयुक्त ने इसके बजाय उनसे कहा कि आप मुझे अलसी दे दीजिए। जब अनीता टम्टा पैसे लेने से मना करने लगी तो आयुक्त बोले – नहीं ऐसे कैसे चलेगा और उन्होंने अलसी के 100 रुपए चुकाए।
इस दौरान आयुक्त के साथ सेल्फी लेने और फोटो खींचने का गजब क्रेज देखने को मिला। आयुक्त ने भी किसी को निराश नहीं किया और हौंसला बढ़ाते हुए मेले का भरपूर आनंद लिया।
आयुक्त ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में दो स्थानों पर सरस मेले हेतु बजट की व्यवस्था की गई, जिससे स्वयंसेवी संस्था के उत्पादों को एक बेहतर बाजार मिल सके।
उन्होंने मेले में भ्रमण के दौरान कहा कि एमबी इन्टर कालेज सरस मेला भव्य एवं सफलतापूर्वक चल रहा है। इस मेले में कुल 250 स्टॉल लगाये गये है। इन स्टॉलों के द्वारा समूहों के उत्पादों के बारे में आम लोगों को उचित जानकारी के साथ ही स्थानीय उत्पादों के महत्व के बारे में जानकारी मिल रही है। और लोग उन उत्पादों को क्रय करते है जिससे स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलता है और स्वयं सेवी संस्थाओं को रोजगार के साथ ही उनकी आर्थिकी भी मजबूत होती है।
मेले में स्वयं सेवी संस्था जिनके द्वारा स्टॉल लगाये गये है, आयुक्त ने उनसे वार्ता की। उनके द्वारा बताया गया कि उनके स्थानीय उत्पादों को लोग बढचढकर खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा स्थानीय उत्पादों को उचित बाजार मिले इसके लिए सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों की बिक्री में डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था भी है जिससे लोगों को सामग्री खरीदने में आसानी हो रही है।
सरस मेले स्वयंसेवी संस्था के लोगों द्वारा आयुक्त को बताया गया कि मेले की सभी व्यवस्थायें बेहतर स्तर की है। सभी सुविधायें उन्हें प्रदान की जा रही हैं।
आयुक्त ने कहा कि इस प्रकार के मेलों से देश के सभी राज्यों के स्थानीय उत्पादों के बारे में लोगों को जानकारियां मिलती हैं और स्थानीय उत्पाद एक ही स्थान पर मिलने से लोगों को सभी वस्तुयें मिलती है, जिससे रोजगार के साथ ही इनकी आर्थिकी भी मजूबत होती है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पाण्डे, डीडीओ गोपाल गिरी गोस्वामी, एपीडी चन्दा फर्त्याल के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी और स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
