देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड सरकार को यहां के युवाओं के भविष्य की चिंता बिल्कुल भी नहीं है। नवंबर माह में होने जा रही पीसीएस परीक्षा के सिलेबस में भारी विरोधाभास है।
देखें वीडियो : PCS परीक्षा में उत्तराखंड के युवाओं के साथ धोखा 👇👇👇मोहित डिमरी बोले
अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के सिलेबस में अंतर होने से हिंदी माध्यम से तैयारी कर रहे युवाओं के सामने परीक्षा से बाहर होने का रास्ता खोल दिया गया है। यह कहना है मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी का।
मोहित डिमरी ने मीडिया को बयान जारी कर कहा कि पीसीएस परीक्षा के सिलेबस में अंग्रेजी माध्यम में जो टॉपिक रखे गए हैं, हिंदी माध्यम में वे टॉपिक नहीं हैं। 11 सितम्बर को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने नया सिलेबस जारी किया और 16 से 19 नवंबर को मुख्य परीक्षा होनी है। ऐसे में युवाओं के को नए सिलेबस की तैयारी के लिए समय ही नहीं दिया गया। ऊपर से सिलेबस में भारी विरोधाभास।
मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति, सरकार से मांग करती है कि पीसीएस परीक्षा का सिलेबस एक जैसा रखा जाय और उत्तराखंड से सम्बंधित विषयों पर परीक्षा केंद्रित हो। साथ ही सिलेबस में संशोधन के बाद छात्रों को पांच से छह माह का समय दिया जाय।
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि सोमवार को समिति का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को छात्र हित में हरिद्वार स्थित लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से मिलेगा। मांग करेगा कि उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो युवा आंदोलन को बाध्य होंगे।