

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। देवभूमि उत्तराखंड में बहन बेटियों के साथ राक्षसी करतूतों की घटनाएं लगातार सुनने को मिलती हैं। जो बेबस बेटी गरीब परिवार से होती है तो उसे और उसके परिवार को दवाब में लेकर विरोध की आवाज को दबाने की बात भी किसी से नहीं छुपी। बहुत कम ऐसे मामले हैं जिनमें बेटियों के गुनहगारों को सजा मिल पाती है।
जब भी किसी बेबस बेटी के साथ दरिंदगी करने वाले शैतान को सजा मिलती है तो यकीनन हर मां बाप के दिल को सुकून मिलता है। ऐसी ही खबर फिर सामने आई है जहां इंसानी शक्ल सूरत वाले एक हैवान को 20 साल का सश्रम कारावास और बीस हजार ₹ के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

सरकारी स्कूल में कक्षा 10 में पढ़ने वाली 16 वर्षीय छात्रा को जून 2022 में फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म के मामले में मुक्तेश्वर के युवक पर पॉक्सो, जबरन ले जाने और दुष्कर्म का दोष सिद्ध हुआ। पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी के लिए सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर तोमर ने दोषी को 20 साल का सश्रम कारावास और 20000 ₹ के जुर्माना से दंडित किया है। मुक्तेश्वर क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी एक जून की रात एक से दाे बजे के बीच घर से कहीं चली गई।
अगले दिन सुबह से पिता ने उसकी तलाश की। फिर सामने आया कि उसे एक युवक अपने साथ ले गया है। दो जून को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने किशोरी को ढूंढ लिया और मेडिकल के बाद मुकदमा में दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई।
16 जुलाई 2022 को पुलिस ने आरोपपत्र न्यायालय में भेजा। इस प्रकरण में वादी, प्रत्यक्षदर्शी, विवेचक, मेडिकल ऑफिसर और प्रधानाचार्य के बयान दर्ज हुए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना। विशेष न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 363 और 366 में पांच-पांच साल के कठाेर कारावास और पांच-पांच हजार जुर्माना तथा पॉक्सो में 20 साल के सश्रम कारावास और 20 हजार ₹ जुर्माना से दंडित किया। इसके साथ ही प्रतिकर के रूप में पीड़िता को चार लाख ₹ का आदेश भी पारित किया है।
