हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े अधिकारी के कैंप कार्यालय में मिलेगा न्याय, बस ये आदत घर छोड़कर आएं

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। ये जरूरी नहीं कि अक्ल तभी आए जब आपका नुकसान हो, सबक दूसरों से भी लिया जा सकता है। आयुक्त दीपक रावत अपने चिर परिचित अंदाज में जन शिकायतों को सुलझाने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में हर तरफ से निराश परेशान लोग कुमाऊं आयुक्त के कैंप कार्यालय में न आएं ऐसा मुमकिन भी नहीं है।

ऐसे में अगर आप भी कभी अपनी गलतियों, उतावलेपन या अंधभक्ति की वजह से किसी लैंड फ्रॉड या अन्य धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं और हर तरफ से निराश परेशान हो चुके हैं तो कुमाऊं आयुक्त का कैंप कार्यालय आपके लिए उम्मीद का जरिया बन सकता है।

लेकिन ध्यान रहे जब भी आयुक्त के कैंप कार्यालय में आएं तो झूठ बिल्कुल भी न बोलें। तय मानिए अगर आपका झूठ आयुक्त ने आखिरी के 10 सेकेंड में भी पकड़ लिया तो आप जीती हुई बाजी कब हार जाएंगे आपको खबर भी नहीं लगेगी। यानी साफ है आयुक्त को सबकुछ पसंद है लेकिन झूठ बिल्कुल नहीं।

ऐसे में अगर आप झूठ बोलने में माहिर भी हैं तो तय मानिए कुमाऊं आयुक्त सुनवाई के दौरान आपको किसी भी वक्त पकड़ सकते हैं। उसके बाद आप इस एक गलती से न्याय से दूर और दफ्तर से कब ओझल हो जाएंगे, आपको भी पता नहीं चलेगा। ऐसे में अच्छा है यह आदत फरियादी घर छोड़कर आएं।

दूसरी बात, जब भी किसी जमीन, रास्ते या दूसरे मामले में न्याय पाने की उम्मीद में आयुक्त के पास आएं तो डिजिटल अथवा हार्ड कॉपी साक्ष्य के तौर पर जरूर लाएं। आयुक्त के नाम लिखी अर्जी तो लानी ही है।

मसलन, अगर जमीन के रास्ते को लेकर विवाद है तो रास्ते की हर एंगल से फोटो अपने फोन में जरूर खींचकर लाएं। जितने ज्यादा वर्तमान समय के साक्ष्य आपके पास मौजूद होंगे तय मानिए आपके न्याय पाने की दूरी उतनी ही कम हो जाएगी।

अगर किसी ने आपके साथ मारपीट, गालीगलौज की है तो साक्ष्य के तौर पर फोटो, वीडियो, रिकॉर्डिंग जरूर अपने फोन में रखें, ये सब कुमाऊं आयुक्त के दरबार में आपके काम आयेंगे।

और सबसे अहम बात यह कि सीधे कुमाऊं आयुक्त के कैम्प कार्यालय आने की जल्दबाजी न करें। पहले निचले स्तर के अधिकारियों के पास जाएं जो अगर फिर भी न्याय न मिले तो कुमाऊं आयुक्त के कार्यालय में आपका स्वागत है।

सबसे अहम बात, अपनी सुनवाई में आयुक्त बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों के साथ साथ दुर्गम और लंबी दूरी तय कर आने वाले फरियादियों को प्राथमिकता देते हैं।

ऐसे में आपको कुमाऊं आयुक्त से मिलने में सुबह से शाम भी हो सकती है। दरअसल, कुमाऊं आयुक्त के दरबार में हर दुखियारा सिस्टम का मारा आना चाहता है। ऐसे में सुबह से देर शाम तक यहां फरियादियों का तांता लगा रहता है।

छोटे छोटे चंद मिनटों के ब्रेक के बीच आज भी कुमाऊं आयुक्त ने जनसुनवाई जारी रखी। कईयों को मौके पर न्याय दिया और कईयों को उम्मीद भी दी। कई झूठ बोलकर फ्रॉड करने वाले शातिरों को फटकार लगाते हुए बाहर का रास्ता भी दिखाया।

रामगढ़ ब्लॉक के सिमराड क्षेत्र के गांव बसगांव में बीते दिनों हुए जमीन का फर्जीवाड़े की आज दूसरी बार कुमाऊं आयुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत के कैंप कार्यालय में सुनवाई हुई।

आयुक्त की ओर से मामले से जुड़े दोनों पक्षों को बुलाया गया था। एक पक्ष से गांव की ग्राम प्रधान ललिता देवी के साथ गांव के जागरूक लोग तो सुनवाई में पहुंचे थे लेकिन दूसरे पक्ष से जमीन का क्रेता छीमी गांव निवासी मोहन सिंह छिम्वाल और उसका साथी कमोली पंपिंग योजना का कर्मचारी हरीश पांडेय और भगवत भंडारी गायब रहे।

जिसके बाद आयुक्त दीपक रावत ने मौके पर ही भवाली सीओ सुमित पांडे को अगले बुधवार को हर हाल में मोहन सिंह छिम्वाल, हरीश पांडेय और भगवत भंडारी को पेश करने को कहा।

आयुक्त ने कहा अब इस फर्जीवाड़े की सुनवाई में मोहन सिंह छिम्वाल, हरीश पांडेय और भगवत भंडारी से ही पूछताछ होगी। इस बीच लैंड फ्रॉड कमेटी की बैठक नहीं हो सकी। ऐसे में जल्द ही केस रजिस्टर्ड होगा।

कुमाऊं आयुक्त ने साफ कहा कि जमीन का फर्जीवाड़ा करने वाले भले आज खुली हवा में घूम लें लेकिन कुछ दिन बाद उनका अगला ठिकाना जेल होगा।

हल्द्वानी का एक धोखाधड़ी का गजब का किस्सा सामने आया। हल्द्वानी के फरियादी गणेश सिंह जीना ने अपनी दुकान गोपाल कृष्ण अग्रवाल नाम के व्यक्ति को 2017  से 2023 तक किराए पर थी।

उनके द्वारा 2020 से अब तक किराया नहीं दिया। बाद में पता चला कि वह बैंक का डिफॉल्टर है। उसने बैंक डिफॉल्टर से बचने और उनके किराए भुगतान के लिए अपनी जमीन बेचने की गुहार लगाई। फरियादी ने उनकी परिस्थिति को देखते हुए अपने परिचित को दिलवाई और वह बैंक के डिफॉल्टर होने से बच गया। किंतु जब उसने अपने किराए मांगा और रजिस्ट्री करने के लिए कहा तो वो गोपाल कृष्ण अग्रवाल वादे से मुकर गया। आयुक्त ने अगले शनिवार को दोनों को तलब किया जिससे समस्या का जल्द समाधान हो।

धारी के 24 परिवारों ने शिकायत की कि राजेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने उनकी भूमि पर जबरन कब्जा किया है। जिस भूमि पर उन्होंने कब्जा किया वे उस भूमि पर पिछले 82 वर्षों से काबिज है। राजेंद्र सिंह ने 2007 में षडयंत्र से अपने नाम कर ली और जेसीबी के जरिए हमारे बगान भी काट दिए। जिस पर आयुक्त ने तत्काल एसडीएम कैंची को फोन करके भूमि पर अवैध कब्जा रोकने और जांच पड़ताल करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

रेखा बोहरा निवासी हल्द्वानी ने अपने चार माह का वेतन दिलाने की गुहार पिछली जनसुनवाई में की थी। वह हल्द्वानी के एक निजी पार्लर में नौकरी करती थी। शिकायत के बाद पार्लर की मालकिन द्वारा 26 हजार का भुगतान करने पर उन्होंने आयुक्त का धन्यवाद किया और यह भी बताया कि अभी लगभग 4 हजार का भुगतान किया जाना बाकी है। आयुक्त ने पार्लर की मालकिन को उनकी बची हुए देनदारी लौटने को कहा।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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