हल्द्वानी, प्रेस15 मिलन्यूज। नैनीताल लोकसभा सीट से जैसे ही आलाकमान ने प्रकाश जोशी का नाम फाइनल किया वैसे ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने प्रभारी उत्तराखण्ड कांग्रेस कुमारी शैलजा को पत्र लिखकर त्यागपत्र भेज दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि 35 साल पुराने साथी को खोना कांग्रेस पार्टी को भारी पड़ सकता है। यही वजह है कि एक बार फिर से दीपक को मनाने का दौर शुरू हो गया है।
कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी ने प्रेस15 न्यूज से खास बातचीत में कहा कि वो दीपक बल्यूटिया की 35 साल की साधना और विकास पुरुष पंडित तिवारी के भतीजे के तौर पर दिल से सम्मान करते हैं, उन्हें पूरा भरोसा है कि वो नाराज़ दीपक को मना लेंगे और पूरी दमखम के साथ जनता के बीच जाएंगे।
वहीं, अपने इस्तीफे के पत्र में दीपक बल्यूटिया ने कहा कि बहुत ही भारी मन से व अपनी अंतरात्मा की आवाज से मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के लिए विवश हूं। कांग्रेस के एक वफादार सिपाही होने के नाते 35 वर्षों से लगातार जन सेवा के साथ-साथ जन मुद्दों को उठाता आया हूं। मैं बेहतर तरीके से समाज की सेवा करना चाहता हूं।
आगे दीपक ने लिखा है कि मेरी प्रेरणा रहे उत्तराखण्ड के प्रिय नेता विकास पुरुष स्व. नारायण दत्त तिवारी के आदर्शों में चलकर उनके विकास के साथ-साथ उनकी विरासत को आगे लेजाकर समाज की सेवा करना चाहता रहा हूं, लेकिन कांग्रेस में एक ऐसे विद्यार्थी की तरह महसूस करता हूं जिसने बहुत मेहनत करी पर उसे कभी भी इम्तेहान में नहीं बैठने दिया गया और प्रतिभा का प्रदर्शन का मौका दिया।
मुझे मेरे उन साथियों के लिए बहुत पीढ़ा है जो मेरे साथ निःस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और मेरे साथ मिलकर संघर्ष करते आए हैं। अपनी क्षमता व अपने संसाधनों के अनुसार मेरी पूर्ण कोशिश रही है कि यथा शक्ति जन सेवा करूं व जन मुद्दों को जानता व सरकार सम्मुख रखूं। मेरा मानना है कि एक संवैधानिक मुकाम में पहुंचकर जनता की बेहतर सेवा की जा सकती लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा अवसर देने की बजाय हर समय अनदेखी की गई।
जब कोई भी पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के लिए काम करता हो और पार्टी के शीर्ष नेता आपके किए संघर्ष व कार्य को सम्मान करने की बजाय आपको नजरंदाज करें तो बहुत पीड़ा होती है।पार्टी में तमाम गतिरोध व मनोबल गिराने के बावजूद निरन्तर कार्य करना आसान नहीं है बावजूद इसके 35 वर्षों से एक कर्मठ कार्यकर्ता व वफादार सिपाही की तरह सेवा करता रहा हूं।
मैं उन सभी शुभ चिंतकों और मेरे संघर्ष की यात्रा में सांथ रहे साथियों से इस आत्मनिर्णय के लिए तहेदिल से क्षमा चाहता हूं और विश्वास दिलाता जन मुद्दों के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा।