बड़ी खबर: हल्द्वानी के ठेकेदार से रिश्वत मांगना PWD के जेई को पड़ा महंगा, 5 साल की जेल, 2 लाख जुर्माना

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी किसी से छुपी नहीं है। जो पकड़ा नहीं गया वो ईमानदार और जो पकड़ा गया वो रिश्वतखोर…बस यही कहानी है।

हल्द्वानी में पीडब्ल्यूडी में तैनात ऐसे ही एक भ्रष्ट जेई बेनकाब हुआ है। ठेकेदार के कार्य भुगतान का मेजरमेंट बिल (एमबी) बनाने के नाम पर 8500 ₹ की रिश्वत लेने में दोषी पाए गए पीडब्ल्यूडी के जेई को 05 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) एवं एडीजे प्रथम नीलम रात्रा ने सात साल पुराने इस मामले में जेई पर दो लाख ₹ अर्थदंड भी लगाया है।

हल्द्वानी के फतेहपुर क्षेत्र के ग्राम रामड़ी छोटी निवासी धीरेंद्र सिंह पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार थे। धीरेंद्र ने साल 2017 में पिथौरागढ़ क्षेत्र में इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल का काम किया था। कार्य तय समय से तीन से चार माह पहले पूरा कर दिया।

कार्य के भुगतान के लिए उन्होंने फाइल पेश की थी। अभियोजन के मुताबिक पिथौरागढ़ के पीडब्ल्यूडी के अपर सहायक अभियंता (विद्युत व यांत्रिकी) का कार्य देख रहे अवर अभियंता अमित गिरी ने उनसे एमबी बनाने के बदले 8500 रुपये की मांग की। धीरेंद्र सिंह ने इसकी शिकायत पांच फरवरी 2018 को भ्रष्टाचार निवारण विभाग में की।

शिकायत पर नौ फरवरी को उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान के नैनीताल सेक्टर की टीम ने जेई अमित गिरी को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया।

मामला भ्रष्टाचार निवारण संगठन के कोर्ट में चला। विवेचना अरुण कुमार ने की, जबकि अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने मजबूत पैरवी की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अमित गिरी को दोषी पाया। भ्रष्टाचार की दोनों धाराओं में दोषी पाते हुए पांच-पांच साल का कठोर कारावास और एक-एक लाख ₹ के अर्थदंड से दंडित किया है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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