नैनीताल/हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के सिमराड क्षेत्र में स्थित गांव बसगांव में बीते दिनों हुए जमीन फर्जीवाड़े में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
मामले में फिलहाल कुमाऊं आयुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं साथ ही क्वारब चौकी के साथ भवाली पुलिस भी नजर बनाए हुए है। फिलहाल इस मामले से जुड़े छीमी गांव निवासी मोहन सिंह छिम्वाल और उसके साथी हरीश पांडेय और भगवंत भंडारी ने एक बार फिर जमीन फर्जीवाड़े का मुख्य साजिशकर्ता ग्राम प्रधान पति मोहन चंद्र जोशी को बताया है।
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बीते शनिवार को जब दूसरी बार कुमाऊं आयुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत के कैंप कार्यालय में इस मामले की सुनवाई हुई थी तो उस दिन ग्राम प्रधान ललिता देवी और प्रधानपति मोहन चंद्र जोशी के साथ गांव के जागरूक लोग तो पहुंचे थे लेकिन छीमी गांव निवासी मोहन सिंह छिम्वाल और उसके साथी हरीश पांडेय और भगवत भंडारी गायब थे। जिसके बाद आयुक्त ने भवाली पुलिस को तीनों को अगले बुधवार को नैनीताल कैंप कार्यालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
बुधवार को क्वारब पुलिस के साथ जब छीमी गांव निवासी मोहन सिंह छिम्वाल और उसके साथी हरीश पांडेय और भगवंत भंडारी कुमाऊं आयुक्त के नैनीताल कैम्प कार्यालय में पहुंचे। जब आयुक्त ने तीनों से सुनवाई में न आने और फोन स्विच ऑफ करने के बारे में पूछा तो तीनों ने बारी बारी से अपनी कहानी सुनाई।
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कमोली पंपिंग पेयजल योजना से जुड़े हरीश पांडे ने आयुक्त को बताया कि उसकी पत्नी की तबियत खराब हो गई थी, इस कारण उसे अस्पताल जाना पड़ा था। जबकि मोहन सिंह छिम्वाल ने कहा कि वह बीमार चल रहा है, और शनिवार के दिन अल्मोड़ा के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती था। इसी तरह भगवंत भंडारी ने भी फोन स्विच ऑफ करने और सुनवाई में मौजूद न रहने की अपनी कहानी सुनाई।
जब आयुक्त ने तीनों से पूछा कि आखिर कौन इस फर्जीवाड़े की जड़ में है तो तीनों तपाक से बोले – साहब यह सारा किया धरा बसगांव के प्रधानपति मोहन चंद्र जोशी का है। उसी ने जमीन के बारे में जानकारी दी और वही जमीन के मालिक को सामने लाया। रजिस्ट्री के दिन भी मोहन चंद्र जोशी उनके साथ रजिस्ट्री कार्यालय में था।
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तीनों ने आयुक्त को बताया कि गांव में कौन जमीन किसकी है और कौन उसका वारिस है, कौन सी जमीन बंजर है और कौन सी जमीन आबाद है, इसकी जानकारी ग्राम प्रधान और पटवारी को ही होती है। ऐसे में ग्राम प्रधान ने ही 70 साल पहले मर चुके लोगों की जमीन को ठिकाने लगाने का पूरा प्लान तैयार किया। लेकिन आज वह मुकर रहा है।
हालाकि आयुक्त के सामने छीमी गांव निवासी मोहन सिंह छिम्वाल और उसके साथी हरीश पांडेय और भगवत भंडारी ने खुद को बेकसूर बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन ये साफ है कि इस खेल में उनकी भूमिका भी संदिग्ध ही है।
इस मामले में जब प्रेस 15 न्यूज ने कुमाऊं आयुक्त और माननीय मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत से बात की तो उन्होंने बताया कि नैनीताल कैंप कार्यालय में पहुंचे हरीश पांडेय, मोहन सिंह छिम्वाल और भगवंत भंडारी ने यही कहा है कि इस फर्जीवाड़े की जड़ ग्राम प्रधान पति मोहन चंद्र जोशी है, उसी ने ही यह पूरा खेल रचा है।
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आयुक्त ने कहा कि किन्हीं वजहों से लैंड फ्रॉड कमेटी की बैठक नहीं हो सकी है। जल्द ही बैठक होगी और इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उसके बाद बसगांव जमीन फर्जीवाड़े से जुड़ा हर आरोपी सलाखों के पीछे होगा। तब तक आरोपी आजाद घूम सकते हैं।
बताते चलें कि पहले दिन से इस मामले में हरीश पांडेय, मोहन सिंह छिम्वाल और भगवंत भंडारी एक ही बात कह रहे हैं कि जमीन फर्जीवाड़े का सूत्रधार प्रधानपति मोहन चंद्र जोशी है। हालांकि एक सुनवाई में आयुक्त के सामने मोहन सिंह छिम्वाल पलट गया था। तब उसने हरीश पांडेय और भगवंत भंडारी को इस पूरी साजिश का मुखिया बताया था। जिसके बाद प्रधानपति ने भी राहत की सांस ली थी।
इतना ही नहीं, जब गांव बेचने वालों को सलाखों के पीछे भेजने की बात आई तो ग्राम प्रधान ललिता देवी के साथ साथ ग्राम प्रधानपति मोहन चंद्र जोशी ने इस मामले में वादी बनने से साफ इनकार कर दिया। इस फैसले ने भी गांव वालों को चौंकाया था।
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गांव के लोग प्रधान की नजर में बुरा न बनने के लिए दबी जुबान से कह रहे हैं कि 10 साल तक गांव की प्रधानी की मलाई तो खा ली लेकिन जब गांव की जमीन को ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ हल्लाबोल करने की बात आई तो ग्राम प्रधान और ग्राम प्रधानपति ने पीठ दिखा दी।
गांव के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्राम प्रधान पति लंबे समय से गांव की जमीनों का सौदा कराने में बतौर एजेंट की भूमिका निभा रहे हैं। साफ है यह सारा खेल कमीशन के लालच में खेला जा रहा है। अगर सलीके से जांच हो तो कमीशन खाने का ये सारा खेल खुल जाएगा।
फिलहाल बसगांव जमीन फर्जीवाड़े में अब बसगांव ग्राम सभा के साथ साथ आसपास के गांवों की नजर कुमाऊं आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत की अध्यक्षता वाली लैंड फ्रॉड कमेटी की बैठक का इंतजार है, जिसके बाद पितरों की भूमि को बेचकर अमीर बनने का ख्वाब पाले कमीशनखोरों का असल चेहरा सामने आएगा।
बताते चलें कि पिछले शनिवार को आयुक्त की ओर से मामले से जुड़े दोनों पक्षों को हल्द्वानी कैंप कार्यालय बुलाया था। एक पक्ष से गांव की ग्राम प्रधान ललिता देवी के साथ गांव के जागरूक लोग तो सुनवाई में पहुंचे थे लेकिन दूसरे पक्ष से जमीन का क्रेता छीमी गांव निवासी मोहन सिंह छिम्वाल और उसका साथी कमोली पंप हाउस का कर्मचारी हरीश पांडेय और भगवत भंडारी गायब रहे।
जिसके बाद आयुक्त दीपक रावत ने मौके पर ही भवाली पुलिस को अगले बुधवार को हर हाल में मोहन सिंह छिम्वाल, हरीश पांडेय और भगवंत भंडारी को नैनीताल में उपस्थित होने को कहा था।
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत की जनसुनवाई में बसगांव की 13 नाली 07 मुट्ठी जमीन के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था।
पता चला था कि गांव के लोगों ने जिन मुरलीधर जोशी और जयकिशन जोशी को पिछले 70 सालों में कभी नहीं देखा, उनसे बसगांव से सटे छीमी निवासी और सुयालबाड़ी में मिठाई की दुकान चलाने वाले मोहन सिंह छिम्वाल ने करीब 13 नाली 07 मुट्ठी जमीन खरीद ली। स्वर्ग सिधार चुके लोगों का फर्जी आधार कार्ड बना दिए। और प्रधान की मुहर का भी इस्तेमाल हुआ।
वहीं, इस मामले में जांच अधिकारी खैरना चौकी इंचार्ज दिलीप कुमार के सामने ग्राम प्रधान ललिता देवी और प्रधान पति मोहन चंद्र जोशी भू माफिया के खिलाफ वादी बनने से साफ इनकार कर चुके हैं। जिसके बाद अब गांव के जागरूक लोगों ने गांव को भू माफिया से बचाने का बीड़ा उठाया है।