हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। अगर आप हल्द्वानी में रहते हैं तो खासतौर पर नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी पूजन के लिए आपको भी नन्हीं बेटियां जुटाना मुश्किल होता होगा। आपको पता है कि ऐसा क्यों है? दरअसल हल्द्वानी ब्लॉक में आज भी मां बाप की पहली पसंद बेटे ही हैं। दरअसल, नैनीताल जिले के हल्द्वानी ब्लॉक में 1000 में से केवल 886 बेटियां ही हैं।
नैनीताल जिले के आठ ब्लाकों में हल्द्वानी ब्लाक की लिंगानुपात में यह तस्वीर कहीं न कहीं बेटियों के प्रति समाज की स्याह तस्वीर को भी बयां कर रही है। जिस समाज में आज भी बेटियों की अपेक्षा बेटों को तरजीह दी जा रही है। ये हाल उस समाज का है जहां आज बेटियां परिवार में खुशियों का सबसे बड़ा खजाना हैं।
दूसरी तरफ, बेटियों के प्रति बढ़ते अपराध के दौर में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा वैसे भी किसी जुमले से कम नहीं रह गया है।
हल्द्वानी ब्लॉक में बेटियों की ये सच्चाई आज कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के सामने उजागर हुई।
कैम्प कार्यालय में आयुक्त दीपक रावत ने नैनीताल व उधमसिंह नगर की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान पता चला कि जनपद नैनीताल के आठ ब्लाकों में हल्द्वानी ब्लाक का लिंगानुपात 1000 में से केवल 886 है।
बेटियों का लिंगानुपात सबसे कम पाये जाने पर दीपक रावत ने सीएमओ को निर्देश दिए कि शहर के सभी निजी चिकित्सालयों के अल्ट्रासाउन्ड मशीनों की चैकिंग की जाए।
दोषी पाये जाने पर कठोर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इसके लिए रोस्टर लगाकर नियमित चेकिंग की जाए।
आयुक्त ने मंडल के डीएम को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था के लिए होम गार्ड या पी आर डी जवान की तैनात करने के निर्देश दिए है।
इसके साथ ही सभी सीएमओ को निर्देश दिए है जिन अस्पतालों में पूर्व से सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात है वे अपने कार्य स्थल पर निर्धारित समय पर ड्यूटी में तैनात रहे। यह सुनिश्चित किया जाए और इसकी मोनिटरिंग की जाए।
जनपद के आम जन किसी भी प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या , परामर्श और जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18008914416 पर संपर्क कर सकते है।
आयुक्त ने सीएमओ को ऐसे स्वास्थ्य कार्मिकों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये जो निजी चिकित्सालयों में लोगों को प्रसव कराने के लिए प्रेरित करते है। ऐसे कार्मिकों को चिन्हित कर कार्यवाही भी की जाए।*
समीक्षा के दौरान आयुक्त ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोग सरकारी चिकित्सालयों पर ही निर्भर रहते है क्योंकि इन क्षेत्रों मे निजी चिकित्सालय उपलब्ध नही है। इसलिए इन क्षेत्रों मे चिकित्सक एवं स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
सीएमओ के द्वारा अवगत कराया गया कि ओखलकांडा चिकित्सालय में चिकित्सक नही है जिस पर आयुक्त ने कहा कि शासन स्तर पर चिकित्सक की तैनाती के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया जाए।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि जनपद में विगत वर्ष मातृ मृत्यु अनुपात 1 लाख में 52 थी, जिसको कम किया जा सकता है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण किया जाए तथा उनकी नियमित जांच के साथ ही टीकाकरण किया जाए।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में शिशुओं के टीकाकरण का प्रतिशत काफी कम है इसके लिए गांवों में आशा,वर्कर व एएनएम को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना होगा तभी हम पर्वतीय क्षेत्रों में टीकाकरण अधिक से अधिक कर पर्वतीय क्षेत्रों में गरीब और कमजोर वर्गों को सस्ती, प्रभावी, और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं सभी को मुहैया करा सकते है।
उन्होंने कहा कि जनपदों मे जहां टीबी मरीज है वहां निक्षय पोषण योजना के तहत स्वेच्छा से जनपद स्तरीय अधिकारियों को निक्षय मित्र बनाया जाय ताकि मरीजो को पौष्टिक आहार मिल सके और जनपद टीबी मुक्त हो सके।
बैठक में निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएस गुंज्याल, सीएमओ डा. एचसी पंत, सीएमओ उधमसिंह नगर डा. मनोज शर्मा, डा. एम सी तिवारी , डा हरेंद्र संयुक्त निदेशक अर्थसंख्या राजेन्द्र तिवारी थे।