NEET के बाद माफियाओं ने UGC NET का पेपर भी किया लीक, चौंकाने वाले खुलासे, जांच CBI के हवाले

खबर शेयर करें -

नई दिल्ली/देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। देश में पेपरल लीक माफिया के हौंसले बुलन्द हैं। यूं तो देश के युवा पिछले कई वर्षों से पेपरलीक गिरोह के जाल में फंस रहे हैं लेकिन इन दिनों मानो पेपरलीक का सीजन ही चल निकला है। मेडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट में धांधली की आग अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि अब यूजीसी NET का पेपर लीक हो गया।

हालाकि विरोध की तपिश को भांपते हुए मामले में उच्च शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय ने सक्रियता दिखाई।

उत्तराखंड में भी uksssc परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई थी। कुछ छोटे माफिया पकड़े भी गए थे लेकिन कुछ समय बाद ही सारे माफिया आजाद हो गए।

इस मामले के खुलासे में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने बड़ी भूमिका निभाई थी। जिसके बाद राज्य भर में युवाओं ने प्रदर्शन भी किया। हालाकि युवाओं को पुलिस की लाठी का सामना करना पड़ा था। उनकी मांग थी कि uksssc घोटाले की सीबीआई जांच हो लेकिन राज्य सरकार ने अनसुना कर दिया।

यूजीसी नेट मामले पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा भेजी गई शिकायत के आधार पर धारा 120बी, 420 आईपीसी के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

UGC NET paper leak मामले में शुरुआती तौर पर सामने आया है कि परीक्षा माफिया ने यूजीसी-नेट के पेपर को न सिर्फ परीक्षा से एक दिन पहले लीक किया बल्कि उसे सोशल नेटवर्किंग साइट टेलीग्राम के जरिए देश भर में पहुंचाया भी। बाद में इसे पांच-पांच हजार रुपए में कोचिंग संस्थानों के जरिए छात्रों को बेचने की भी जानकारी सामने आई है।

वही दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में छात्रों के विरोध प्रदर्शन कर मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) और UGC NET में अनियमितताओं के खिलाफ गुरुवार को छात्रों का विरोध प्रदर्शन और भी तेज हो गया। कई छात्र समूहों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

दिल्ली में अलग-अलग विश्वविद्यालयों के छात्र संगठनों के सदस्यों को गुरुवार को हिरासत में लिया गया। छात्रों को शिक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया।

UGC NET परीक्षा का आयोजन 18 जून को किया गया था। परीक्षा में कथित तौर पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं थीं। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के तहत काम करने वाली स्वायत्त संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने मंगलवार को हुई UGC NET परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया।

18 जून को एनटीए ने देश के अलग अलग शहरों में यूजीसी-नेट परीक्षा आयोजित करवाई थी। यह परीक्षा दो चरणों में ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में आयोजित की थी। इसके ठीक एक दिन बाद बुधवार 19 जून को गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई को परीक्षा में गड़बड़ी से जुड़े कुछ इनपुट मिले थे।

परीक्षा के बाद एनटीए ने भी देश में परीक्षा के ठीक तरीके से संपन्न होने का दावा किया था। लेकिन सबसे हाथ-पैर तब फूल गए जब टेलीग्राम पर मिले पेपर को परीक्षा के बाद यूजीसी-नेट के दोनों शिफ्टों के पेपर से मिलान कराया गया, तो पता चला कि पहले शिफ्ट का पेपर और टेलीग्राम पर मिला पेपर दोनों हूबहू एक ही थे।

नीट परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार छात्रों के हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पारदर्शिता के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे। विद्यार्थियों का हित हमारी प्राथमिकता है। किसी भी कीमत पर उसके साथ समझौता नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा के संबंध में हम बिहार सरकार से लगातार संपर्क में हैं। पटना से हमारे पास कुछ जानकारी भी आ रही है। आज भी कुछ चर्चा हुई है। पटना पुलिस उस विस्तृत रिपोर्ट की तह तक जा रही है। फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
1
+1
0

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें