जिसका डर था वही हुआ, जवाब दे गया हल्द्वानी का गौला पुल

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। जिसका डर और आशंका थी वही हुआ। हल्द्वानी का गौला पुल जवाब दे गया। तीन दिन की बारिश में गौला पुल का एक हिस्सा खोखला हो गया है। ऐसे में हल्द्वानी, गौलापार, चोरगलिया, सितारगंज, नानकमत्ता, टनकपुर में रहने वालों की मुश्किलें अनिश्चितकालीन समय के लिए बढ़ गई हैं।

अब हर बार की तरह एनएचएआई और प्रशासन के अधिकारी आज पुल का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद ही तय हो पायेगा कि कब तक पुल की मरम्मत होगी और कब हल्द्वानी, गौलापार, चोरगलिया, सितारगंज, नानकमत्ता, टनकपुर की लाखों की आबादी गौला पुल पर पहले की तरह आवाजाही कर सकेगी।

आपको पता है गौला पुल को पहले उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने बनाया था। तब लागत साढ़े नौ करोड़ थी। जुलाई 2008 में पुल टूटने पर वुडहिल इंफ्रास्टक्चर लिमिटेड ने तीन चरणों में पुल का निर्माण किया। जिसमें पानी के अंदर नौ पिलर हैं। गौला पुल पहले खोल दिया गया था, लेकिन काम 2013 में पूरा हुआ। 364.76 लंबा नया पुल 19.77 करोड़ में बना था।

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इससे पहले शुक्रवार शाम से ही पुलिस ने गौला पुल पर आवाजाही रोक दी थी। देर शाम डीएम भी अधिकारियों के दलबल के साथ मौके पर पहुंची थीं।

ऐसा पहला मौका नहीं है जब गौला पुल दरका हो और आमजन की मुश्किलें बढ़ी हों। 2008 में तेज बहाव की भेंट चढ़े इस पुल को पूरी तरह बनने में करीब पांच साल लगे थे। साल 2021 में भी गौला पुल की 30 मीटर लंबी सड़क ध्वस्त होकर नदी में समा गई थी।

गौला पुल के नीचे लंबे समय से घोड़ा खच्चर से अवैध खनन और प्रशासनिक अधिकारियों का आंखें मूंदना, इसके पीछे बड़ी वजह है। जबकि हाईकोर्ट ने पुल के एक-एक किमी क्षेत्र को खनन के लिए प्रतिबंधित किया है। नदी के अंदर पानी का डायवर्जन पूरी तरह बिगड़ा हुआ था, जिस वजह से सेफ्टी वाल पानी की मार झेल नहीं सकी।

हर बार सुरक्षात्मक कार्यों में लेटलतीफी और अनदेखी की गई। आज जो अधिकारी मीडिया कैमरों के सामने गौला पुल का निरीक्षण करने की जहमत उठा रहे हैं, इन्हें साल भर आपने यहां कभी नहीं देखा होगा।

आज गौलापार क्षेत्र में 190 करोड़ की लागत से बना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का अस्तित्व भी खतरे में है। कुछ दिन पहले स्टेडियम का कटाव देखने खुद मुक्यमंत्री धामी पहुंचे थे। उस वक्त डीएम ने मुख्यमंत्री को स्टेडियम की सुरक्षा के लिए क्या कुछ करने के लिए कहा होगा, ये तो सीएम धामी ही बेहतर बता सकते हैं। लेकिन आज हम जमीनी सच्चाई सीएम को जरूर बताएंगे।

सीएम साहब, जनता के टैक्स के 190 करोड़ से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण हुआ है। लेकिन आज दिन तक इसमें एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ। अब इसी स्टेडियम में अगले कुछ महीनों में 38वें राष्ट्रीय खेल भी होने हैं।

मुख्यमंत्री जी, आप ही बताइए क्या इस महत्वपूर्ण स्टेडियम की सुरक्षा को कभी आपके नैनीताल जिले के अधिकारी संजीदा हुए? यही मैदान किसी सरकारी अधिकारी का व्यक्तिगत होता तो दिन रात एक करके स्टेडियम को सुरक्षित कर देते।

लेकिन ये तो सरकारी बजट से बना स्टेडियम है, अगर गौला की चपेट में पूरा का पूरा भी आ जाए तो किसकी सेहत पर फर्क पड़ेगा। यही वजह से कि पिछले साल से गौला नदी का कटाव झेल रहा स्टेडियम, गौला पुल और रेलवे पटरी आज भी अपनी हिफाजत की भीख मांग रहे हैं।

जिस तरह से नैनीताल का प्रशासन साल भर सोया रहा ठीक वैसे ही रेलवे की जिम्मेदार भी पटरी और हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के प्रति लापरवाह बने रहे। नतीजा आज सबके सामने है।

परेशानी तो सिर्फ और सिर्फ आम जनता को झेलनी है। क्योंकि जिम्मेदारों के एसी दफ्तर और आलीशान कोठी को जाने वाले रास्तों पर यातायात सुचारू है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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