नवरात्रि पर हल्द्वानी की बेटी की अद्भुत भेंट, उत्तराखंड ही नहीं दिल्ली- मुंबई में भी छाया है हुनर

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संजय पाठक, प्रेस15 न्यूज, हल्द्वानी। रख हौंसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा, थक कर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी जीने का मजा भी आएगा… इन पंक्तियों में छुपे मर्म को हल्द्वानी की एक बेटी सफल कर रही है। गृहणी रूप से अलग यह मातृशक्ति के हुनर और कुछ कर गुजरने की ललक का सुखद परिणाम भी है।

कठघरिया क्षेत्र के बजुनिया हल्दू गांव निवासी चंपा पांडे इन दोनों अपनी धार्मिक पेंटिंग्स के जरिए क्षेत्र में विशेष पहचान बना रही हैं। आने वाली 9 अप्रैल से मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में चंपा के हाथों बने मां दुर्गा और मां लक्ष्मी के मुखौटों की डिमांड भी बढ़ गई है।

देखें वीडियो: हल्द्वानी की हुनरमंद बेटी

अपनी घर गृहस्थी के कामों से निपटने के बाद जब थोड़ा सा समय आराम के लिए मिलता है तो उस वक्त में भी चंपा आराम न करके अपने हुनर को जिंदा रखती हैं। जी हां, आपने सही सुना। चंपा पांडे नारियल में मनभावन मां का मुखौटा उकेरती हैं। और फिर उसे आकर्षक रंगों से सजाती हैं। यह काम देखने और सुनने में जितना आसान लग रहा है, असल में उतना है नहीं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि यह काम किसी साधना से कम नहीं है।

इस काम में चंपा को रोजाना करीब एक घंटे का समय निकालना पड़ता है। फिर जाकर 5 से छह दिन में मां का एक मनभावन मुखौटा बनकर तैयार होता है। आज चंपा के हाथों बने मुखौटे न केवल उत्तराखंड बल्कि दिल्ली मुंबई में भी मंदिरों की शोभा बढ़ा रहे हैं।

बताते चलें कि अब तक चंपा पांडे उत्तराखंड की लोक संस्कृति, पर्यावरण जैसे विषयों पर दर्जनों वॉल पेंटिंग्स बना चुकी हैं। लेकिन उन्हें माता के मुखौटे बनाने में विशेष महारत हासिल है या यूं कहें खुद मां भगवती का उन्हें अटूट आशीर्वाद प्राप्त है। यही वजह है कि जिस किसी की नजर चंपा के हाथों बने मां के मुखौटे पर पड़ती है वो उसे अपने घर मंदिर में स्थापित करने का मन बना लेता है।

आज के वक्त में जहां हर कोई फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में सक्रिय है तो वहीं पूरी तरह से घर गृहस्थी को समर्पित चंपा पांडे सोशल मीडिया से दूर ही रहना पसंद करती हैं।

चंपा कहती हैं कि जितना वक्त लोग सोशल मीडिया की छद्म दुनिया में जाया करते हैं, उस वक्त को वह अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई और खुद के हुनर को निखारने में लगा देती हैं। हालाकि घर, खेत खलिहान के कामों को निपटाने में कब दिन बीत जाता है, पता ही नहीं चलता।

चंपा बताती हैं कि पेंटिंग के दौरान घर में सभी सदस्यों का उन्हें भरपूर सहयोग मिलता है। पति मनोज पांडे की हौसलाअफजाई से उन्हें हिम्मत मिलती है तो बेटी अवनी और बेटे जय का भी प्यार मिलता है। चंपा कहती हैं कि हर स्त्री में असीम हुनर छुपा होता है, ऐसे में अगर सकारात्मक दृष्टिकोण से सही लक्ष्य के साथ आगे बड़ा जाए तो एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है।

आने वाली नवरात्रि में अगर आप भी चंपा पांडे के हाथों बने मां के मनभावन मुखौटों को अपने घर- मंदिर में विराजमान करना चाहते हैं या फिर किसी अपने को मां की यह अदभुत कलाकृति भेंट देना चाहते हैं तो उनसे मोबाइल नंबर 9719761903 पर बात कर सकते हैं। या कठघरिया के बजुनिया हल्दू गांव में स्थित आवास में संपर्क कर सकते हैं।

देखें वीडियो: हल्द्वानी की हुनरमंद बेटी

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं