
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में 14 अगस्त 2025 को हुए नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में 5 जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण समेत एक मतपत्र में ओवरराइटिंग के साथ रीपोलिंग करने के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
आज पांचों अपहृत सदस्य डीकर मेवाड़ी, तरुण शर्मा, विपिन जंतवाल, दीपक बिष्ट, प्रमोद कोटलिया पेश किये गए। मुख्य न्यायाधीश जे नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय ने पांचों से सवाल करते हुए क्रॉस सवाल पूछे। न्यायालय ने घटना से जुड़ी परतें उखाड़ दी।
कहा कि सदस्य अलग अलग रामनगर पहुंचे और एक साथ साली के घर में रहे। 14 अगस्त को वोटिंग छोड़कर पिकनिक मनाने गए पांचों जिला पंचायत सदस्यों से खंडपीठ नाराज दिखी। न्यायालय ने सदस्यों से कहा कि तुम लोग इस पद पर रहने योग्य नहीं हो। न्यायालय ने उनसे नेपाल ट्रिप के बारे में भी जानकारियां ली।
न्यायालय जांच अधिकारी की रिपोर्ट से भी संतुष्ट नहीं दिखी। जिसके बाद कोर्ट ने जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर फटकार लगाते हुए एसआईटी से जांच की बात कही। सुनवाई पूरी होने के बाद अब जल्द ही अहम निर्णय आ सकता है।
मामले के अनुसार, 14 अगस्त 2025 को कोर्ट ने नैनीताल के जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान उनके सदस्यो का अपहरण करने के मामले में कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। जिसमें कई जीते हुए सदस्यो ने न्यायलय की शरण भी ली थी।
सदस्य पूनम बिष्ट ने उच्च न्यायालय में एक अन्य याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक 1 को 2 कर अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में कोर्ट से जिलाध्यक्ष पद के लिए पुनः मतदान कराए जाने की प्रार्थना की है।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)








