
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी में गेटिंग सेटिंग में माहिर यूं तो कई डायग्नोस्टिक सेंटरों की लंबी फेहरिस्त है जो सुदूर गांव पहाड़ से आने वाले मरीजों से लेकर मैदान के लोगों की बेबसी की बदौलत खूब चांदी काटते हैं।
सरकारी अस्पतालों में मौजूद दलालों की मेहरबानी और सरकारी अस्पतालों की ठप पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीनों के चलते कुकुरमुत्तों की तरह खुल रहे डायग्नोस्टिक सेंटरों की शहर में बाढ़ सी आई है। मोटा कमीशन बांटते इन डायग्नोस्टिक सेंटरों के मकड़जाल में सरकारी डॉक्टर से लेकर आशा और अन्य स्टाफ शामिल रहता है। और यह नेक्सस हल्द्वानी में सालों से बदस्तूर जारी है।
मरीज जब तक डॉक्टर के बताए डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच नहीं कराता तब तक डॉक्टर को चेन नहीं पड़ता। सॉफ है हर बार मार मरीज को नहीं झेलनी पड़ती है। सरकारी अस्पतालों में बैठे डाक्टरों और डायग्नोस्टिक सेंटरों के इस गठजोड़ से जुड़ी खबर भी जल्द आपसे साझा करेंगे।
लेकिन आज इसी मुद्दे से जुड़ी इस खबर को पढ़िए और समझिए कि शहर में कैसे डायग्नोस्टिक सेंटरों की मनमानी यूं कहें अंधेरगर्दी चल रही है।
चर्चा तो यह भी है कि जबसे नैनीताल जिले से जिलाधिकारी वंदना सिंह और एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा की विदाई हुई है और बतौर डीएम ललित मोहन रयाल और एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने जिम्मेदारी संभाली है मानो सुस्त सिस्टम भी एक्टिवेट हो गया है।
शुक्रवार को हल्द्वानी क्षेत्र के दो डायग्नोस्टिक सेंटरों राघव पैथ लैब मुखानी और सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर हीरानगर का पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर हीरानगर में कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। मौके पर रेडियोलॉजिस्ट मौजूद नहीं थे, जबकि अल्ट्रासाउंड के लिए 26 मरीजों की पर्चियाँ काटी गई थीं।
स्टाफ इस संबंध में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। एएनसी रजिस्टर और फॉर्म-एफ पर रेडियोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर भी नहीं पाए गए। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज मांगे जाने पर स्टाफ ने कैमरा खराब होने की बात कही।
गंभीर लापरवाही को देखते हुए निरीक्षण समिति ने केंद्र संचालकों को कड़ी फटकार लगाई तथा अल्ट्रासाउंड कक्ष को अग्रिम आदेश तक ताला लगाकर सील कर दिया और चाबी मौके पर ही जब्त कर ली। साथ ही केंद्र को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।
वहीं, राघव पैथ लेब मुखानी में दस्तावेज और व्यवस्थाए संतोषजनक पाई गईं। निरीक्षण करने वालों में सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वेता भंडारी, ललित ढोंडियाल और जगदीश चंद्र शामिल रहे।









