शराब, चरस पकड़ने वाली नैनीताल पुलिस नहीं पकड़ पा रही दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा, उठ रहे सवाल

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नैनीताल पुलिस ने उसके साथ शुरू से वीवीआईपी जैसा व्यवहार किया।

अब मुकदमा लिखने से पहले और आज दिन तक पुलिस ने मुकेश बोरा को गिरफ्तार करना तो दूर थाने में पूछताछ तक के लिए क्यों नहीं बुलाया, यह भी हर कोई जानता है। अब एक एक कर बोरा के करीबियों से पूछताछ की जा रही है। और पूछताछ के बाद क्या हो रहा है, यह भी जनता जानती है।

माननीय कोर्ट की ओर से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद दबाव में आई नैनीताल पुलिस ने बोरा के दो घरों के बाहर ढोल बजाने और कुर्की का आदेश चिपकाने की जहमत उठाई। तब कहा गया कि कई टीमें मुकेश बोरा को पकड़ने के लिए बनाई गई हैं। लेकिन फिर भी मुकेश बोरा को नैनीताल पुलिस नहीं पकड़ सकी।

देखें वीडियो कैसे पीड़िता ने बताई हर बात

इस दौरान बोरा ने बेखौफ होकर कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने की अर्जी भी लगा दी। उसे 17 सितंबर तक राहत भी मिली। इस बीच लगातार मुकेश बोरा पुलिस से मिलता रहा। लेकिन अब मुकेश बोरा पुलिस की नजरों से दूर हो चुका है। बिल्कुल वैसे ही जैसे छोटे बच्चे लुक्काछुपी का खेल खेलते हैं।

जबकि पीड़िता शुरुआत में ही कह चुकी है कि मुकेश बोरा के मोबाइल में उसके अश्लील वीडियो हैं। पुलिस ने मुकेश बोरा को वो मोबाइल भी अब तक जब्त नहीं किया है। ऐसे में मुकेश बोरा के खिलाफ शुरुआत से ही लालकुआं और हल्द्वानी पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे हैं।

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बीते दिनों अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी पीएन मीणा ने अधीनस्थों को निर्देश दिए थे कि महिला अपराध होने पर तुरंत कार्रवाई करें। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।

इधर, इतनी बड़ी घटना में केस दर्ज होने के बाद भी मुकेश बोरा और उसका चालक गिरफ्तार नहीं कर लालकुआं पुलिस ने अपने ही एसएसपी के आदेशों का खुलेआम उल्लघंन किया।

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पीड़िता भी पुलिस को बता चुकी है कि  मुकेश बोरा का मोबाइल उसके खिलाफ सुबूतों से भरा पड़ा है। बावजूद पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त करने की जहमत नहीं उठाई। पुलिस ने मामले में एक सितंबर को मुकदमा दर्ज किया। तब से पुलिस जांच की बात कह रही है।

पुलिस को नियमानुसार मुकेश बोरा का मोबाइल जब्त करना चाहिए था। इतने दिन बीत चुके हैं, ऐसे में आरोपी अपने मोबाइल से छेड़छाड़ कर सकता है या सुबूत नष्ट कर सकता है। पीड़िता भी शुरुआत से ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुकी है।

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अब देखिए कोर्ट के आदेश के बाद बीते दिनों मुकेश बोरा आराम से अल्मोड़ा थाने में हाजिरी लगाने पहुंचा। इस दौरान मौके पर लालकुआं पुलिस के जिम्मेदार भी मौजूद रहे। मुकेश बोरा से पता चला कि अब उसने पुराना फोन चलाना बंद कर दिया है। और वह नया फोन चला है।

यानी जिस फोन में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के अश्लील वीडियो और फोटो थे, वो मुकेश बोरा ने ठिकाने लगा दिया है। सोचिए यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा था। अगर मुकेश बोरा की जगह कोई आम व्यक्ति अपराधी को भूमिका में होता तब भी क्या खाकी वर्दीधारी ऐसा ही व्यवहार करते?

बुधवार को मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका खारिज होने के बाद अब सामने आया है कि मुकेश बोरा ने अपने सभी नंबर बंद कर दिए हैं। इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश को पहले ही भांप गया मुकेश बोरा मंगलवार को अल्मोड़ा थाने में हाजिरी लगाने भी नहीं पहुंचा। यानी पुलिस के खौफ से पहले दिन से बोरा बेखौफ रहा।

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अगर बोरा की जगह कोई आम अपराधी होता तो पुलिस अब तक उसके रिश्तेदारों को थाने में पकड़ कर बैठा देती। लेकिन बोरा अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। हालाकि पुलिस उसके करीबियों से पूछताछ की बात कह रही है, अब ये पूछताछ कितनी संजीदगी से हो रही होगी, यह भी हर कोई जानता है।

साफ है सत्ता की करीबी और धनबल के चलते मुकेश बोरा पर पुलिस ने शुरू से ही मित्र पुलिस की भूमिका निभाई। पीड़िता को बार बार बयान के लिए थाने बुलाने वाली पुलिस ने एक बार भी मुकेश बोरा को लालकुआं थाने में बुलाने को जहमत नहीं उठाई। बार बार मुकेश बोरा कोर्ट में बचने के लिए जाता रहा लेकिन पुलिस ने उसके उस फोन को जब्त करना तो दूर पूछताछ करना भी जरूरी नहीं समझा। जबकि इस केस में बोरा का मोबाइल अहम सुरागों से भरा है।

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साफ है कि यह पूरे मामले को कमजोर करने की साजिश है। माननीय कोर्ट के आदेश के बाद अब मुकेश बोरा को गिरफ्तार करना नैनीताल पुलिस की मजबूरी है। लेकिन सवाल उठ रहा है कि मुकेश बोरा को गिरफ्तार करने के बाद भी क्या नैनीताल पुलिस कोर्ट में सबूतों के साथ पीड़िता को न्याय दिला पाएगी या कुछ दिन बाद सबूतों के अभाव में दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा खुली हवा में सांस लेगा।

अगर ऐसा हुआ तो उन तमाम महिलाओं पर हुए उत्पीड़न की लड़ाई दम तोड़ देगी जिन्होंने मुकेश बोरा के खिलाफ आगे आकर शिकायत करने की हिम्मत जुटाई है। हालाकि दुग्ध संघ में मुकेश बोरा के कार्यकाल में हुए भ्रष्ट्राचार की अनगिनत मामलों में अभी भी डेयरी निदेशालय और दुग्ध मंत्री सौरभ बहुगुणा के एक्शन का इंतजार है।

कहा जाता है कि दुग्ध मंत्री सौरभ बहुगुणा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से खास घनिष्ठता है। ऐसे में मुकेश बोरा के कारनामों की भनक सीएम धामी को भी होना स्वाभाविक है। ऐसे में नैनीताल दुग्ध संघ भ्रष्ट्राचार मुक्त हो और दोषियों को सजा मिले, सीएम धामी को भी संज्ञान लेना चाहिए। बाकी चरित्र के दागदार मुकेश बोरा जैसों पर एक्शन की उम्मीद अब माननीय कोर्ट से बची है।

माननीय कोर्ट भी सबूतों के आधार पर ही फैसला सुनाती है। और मुकेश बोरा के खिलाफ सबूत जुटाने में शुरू से अब तक नैनीताल पुलिस कितनी मेहनत कर रही है, यह किसी से नहीं छुपा। बनभूलपुरा हिंसा में एक एक कर जमानत पर छूटते आरोपी नैनीताल पुलिस की कार्यशैली का प्रमाण पहले ही दे चुके हैं। केवल चरस, शराब, बाइक चोर पकड़ने और चालान काटने तक नैनीताल पुलिस एक्टिव दिख रही है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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