उत्तराखंड के गोपेश्वर में हुई चोरी से सबक लीजिए, बच्चों को दौलत से नहीं संस्कारों से पालिए

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गोपेश्वर, प्रेस 15 न्यूज। यह महज एक घर और उसमें रहने वाले बच्चों से जुड़ी खबर नहीं है बल्कि हमारे समाज के अधिकतर घरों का यही हाल है। जो मां बाप बच्चे पैदा करने और उन्हें खिलाने पिलाने और स्कूल भेजने तक सीमित हैं उन्हें इस खबर से सीख लेनी चाहिए। समय रहते अगर बच्चों के भीतर संस्कार नहीं भरे तो आज के डिजिटल युग में कब आपके बच्चे अपराधी बन जाएंगे आपको खबर भी नहीं होगी।

ऐसा ही कुछ गोपेश्वर क्षेत्र के विवेकानन्द कॉलोनी तल्ला नैग्वाड निवासी एक मां के साथ भी हुआ। महिला के कारोबारी पति के निधन हो चुका है। ऐसे में मां ने अपने बेटे के उज्जवल भविष्य का सपना बुनकर उसे नैनीताल के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा। लेकिन उस मां को क्या पता था कि बेटा ऑनलाइन जुए वाले गेम्स के चक्कर में पड़ गया है।

और जब नाबालिग बेटा गले तक उधारी में फंस गया तो उसने अपने ही गोपेश्वर वाले घर में चोरी की योजना बना डाली। हालाकि नाबालिग बेटा और उसके दो नाबालिग चोर दोस्त अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।

लेकिन इस पूरी घटना ने समाज के हर उस मां बाप को सोचने पर विवश कर दिया है जिसने कभी भी बच्चों में संस्कारों की पाठशाला को तवज्जो नहीं दी। यानी सिर्फ पैसे के दम पर बच्चों को बड़ा कर दिया और उनके भीतर ईमानदारी, सदाचार और मेहनत से सफलता का बीज बोना भूल गए।

अब अपने ही घर में चोरी कराने वाले इस नाबालिग की पूरी कहानी भी पढ़िए।

दरअसल, बीते दिनों गोपेश्वर निवासी मां अपनी बेटी से मिलने देहरादून गई थी। जब वह देहरादून से गोपेश्वर अपने घर लौटी तो घर के दरवाजे का ताला टूटा था। सास के कमरे में बने स्टोर के लॉकर का ताला तोड़कर करीब 40 लाख ₹ के जेवर चोरी कर लिए गए थे। जिसके बाद परेशान मां ने पुलिस को इस संबंध में तहरीर दी।

तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात में अभियोग पंजीकृत किया। और पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार के निर्देशन में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना में शामिल दो नाबालिगों को पकड़ा।

पूछताछ में नाबालिग चोरों ने बताया कि महिला का नाबालिग बेटा ही इस घटना का मास्टरमांइड है। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे जिस वक्त महिला अपनी बेटी के देहरादून स्थित घर पर थी , इस दौरान उनका नाबालिक बेटा यानि इस चोरी का मास्टरमाइंड भी नैनीताल से देहरादून पहुंचा था। यानी मां के आंखों के सामने शरीफ बनकर वह देहरादून से गोपेश्वर वाले घर में चोरी के लिए अपने दोस्तों को गाइड कर रहा था।

हालाकि पुलिस ने देहरादून से नाबालिग बेटे कस्टडी में लेकर को चमोली लाने में देर नहीं लगाई। उसने बताया कि वह लम्बे समय से ऑनलाइन गेमिंग और ट्रेडिंग व महंगे खर्चे करने का शौकीन है। जिसके लिए उसने कई लोगों से पैसे उधार लिए थे। चोरी की घटना में शामिल एक नाबालिग से भी उसने पचास हजार ₹ उधार लिए गए थे। अन्य लोगों द्वारा भी उस पर लगातार पैसे वापस करने का दबाव बनाया जा रहा था।

कर्जे से छुटकारा पाने के लिए उसने अपने ही घर में चोरी करने की योजना बनाई थी, जिसमें उसने अपने दो नाबालिग दोस्तों को भी शामिल कर लिया। लेकिन पुलिस ने उसके प्लान में पानी फेर दिया। अब तीनों नाबालिक चोरों का नया पता बाल सुधार गृह पौड़ी है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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