हल्द्वानी: हार के डर से घबराई सरकार तभी हो रही नगर निकाय चुनाव में देरी: ललित जोशी

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव कब होंगे? ये सवाल आम जनता से लेकर सियासतदानों के बीच गूंज रहा है। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रमुख राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने नगर निकाय चुनाव में हो रही देरी पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया है।

ललित जोशी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा है कि भाजपा सरकार नगर निकाय चुनाव में संभावित हार के डर से घबराई हुई है। राज्य सरकार को लग रहा है कहीं केंद्र की तरह ही राज्य में भी भाजपा का बुरा हश्र न हो जाए। यही वजह है कि लगातार नगर निकाय चुनावों को खिसकाया जा रहा है।

बताते चलें कि सरकार की ओर से पहले छह महीने और फिर तीन महीने के लिए नगर निकायों को प्रशासकों के हवाले कर दिया गया।

प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था। छह महीने यानी दो जून तक के लिए निकाय बतौर प्रशासक डीएम के हवाले हो गए थे।

इस अवधि में चुनाव न होने के चलते सरकार ने तीन माह के लिए अवधि को और बढ़ा दिया। इस बीच निकाय चुनाव में देरी को लेकर कई बार माननीय हाईकोर्ट राज्य सरकार को फटकार भी लगा चुकी है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ललित जोशी ने कहा कि हल्द्वानी क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की ओर से 2 हजार करोड़ की घोषणा की गई थी लेकिन आज दिन तक हल्द्वानी शहर और शहरवासी विकास के लिए तरस गए हैं। हल्द्वानी में नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं और अंदरूनी सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, जिसकी वजह से आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं। बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जोशी ने कहा कि जो पार्टी गाय को माता कहकर हिन्दुओं को बरगलाती है, उसी के राज में आज बेजुबान गौवंश सड़कों में भटकने को मजबूर हैं। हल्द्वानी में गौवंश की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। नगर निगम की शीशमहल और राजपुरा में गौवंश की दयनीय हालत देखी जा सकती है।

ललित जोशी ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठते हुए कहा कि नगर निगम क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों में कई अनियमितताएं सामने आ रही हैं लेकिन ऊपर से नीचे तक सब खामोश हैं। वार्डों में स्ट्रीट लाइट के नाम पर अंधेरा छाया हुआ है, वहीं जाम की समस्या नासूर बनते जा रही है।

जोशी ने कहा कि शहर के मुख्य चौराहों पर फुटओवर ब्रिज और फ्लाईओवर की दरकार है जिससे लोगों को जाम से निजात मिल सके। अफसोस कि आज हल्द्वानी के सालों पुराने पेड़ों को काटकर ही चौड़ी सड़क का विकल्प खोजा जा रहा है। जिसका खामियाजा भी आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा।

ललित जोशी ने कहा कि सरकार के जनविरोधी फैसले लगातार आम आदमी के निशाने पर है। और यही वजह है कि हार के डर से सरकार निकाय चुनाव में लगातार टालमटोली कर रही है। हद तो तब हुई जब माननीय हाइकोर्ट की फटकार के बाद भी सरकार गुमराह करने से बाज नहीं आ रही है।

बताते चलें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ललित जोशी हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में मेयर पद के प्रबल और जमीनी पकड़ वाले दावेदारों में से एक हैं। साल 2013 से जनता के बीच उनके कभी विधायक तो कभी मेयर बनने को लेकर चर्चाएं हुई लेकिन हर बार ललित जोशी की दावेदारी अंदरूनी सियासत के भेंट चढ़ गई।

बड़ी बात ये कि हर बार ललित जोशी ने पार्टी के आदेश को सिरमाथे पर लिया और पार्टी के आदेश में ही अपनी जान झोंक दी।

ललित जोशी को करीब से जानने वाले बताते हैं कि यूं तो अपने सार्वजनिक जीवन में शायद ही कोई दिन होता होगा जब ललित जोशी वंचितों शोषितों के हित में काम नहीं करते हों लेकिन व्यापक स्तर पर समाजसेवा न कर पाने की टीस उन्हें आज भी कचोटती है।

देखा जाए तो ललित जोशी जैसे समाजसेवी व्यक्तित्व को कबका मेयर और विधायक बन जाना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्य है कि आज दिन तक वह षडयंत्रकारी राजनीति का शिकार होते रहे। यही वजह है कि कभी ललित जोशी की मेयर तो कभी विधायकी की दावेदारी पर रोड़े अटकाए गए।

इससे पहले चाहे राज्य निर्माण आंदोलन हो या फिर जमरानी बांध का संघर्ष, जनता ने ललित जोशी के संघर्ष को करीब से देखा है। इतना ही नहीं कुछ समय पहले रेरा की मनमानी के खिलाफ हुए किसान आंदोलन में भी ललित जोशी की प्रभावी अगुवाई का ही असर था कि प्रशासन को किसानों के हक में झुकने को मजबूर होना पड़ा था। ऐसे में इस बार हल्द्वानी की जनता ललित जोशी की ओर उम्मीद की टकटकी लगाए है।

आम जनमानस में चर्चा है कि अगर मेयर के तौर पर ललित जोशी जैसा व्यक्तित्व सामने आता है तो हल्द्वानी नगर निगम में विकास के नए पंख लगना तय है। इतना ही नहीं जो समस्याएं सालों से हल्द्वानीवासियों को परेशान कर रही हैं , उनके समाधान की राह भी खुल जाएगी।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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