हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। बीते 29 अप्रैल को गौ सेवकों को सूचना प्राप्त हुई थी कि नैनीताल रोड स्थित एक नामी कॉन्वेंट स्कूल के परिसर में पार्टी के दौरान गौमांस परोसा गया है। जिसके बाद बड़ी संख्या में आक्रोशित गौ सेवक स्कूल परिसर के बाहर एकजुट हुए थे।
इस दौरान सूचना पर प्रशासन और काठगोदाम थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पशु चिकित्सक की देखरेख में मांस के सैंपल भी लिए गए। लेकिन आज दिन तक उस सैंपल की रिपोर्ट का कुछ अता पता नहीं है। ऐसे में एक बार फिर गौ सेवकों को गुस्सा उफान पर है।
इसी क्रम में आज दर्जनों गौसेवकों और स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसायटी ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट की गैर मौजूदगी में उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा।
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गौ सेवक जोगेन्द्र राणा जोगी ने कहा कि 28 अप्रैल को नैनीताल रोड के नामी कॉन्वेंट स्कूल में घटित संवेदनशील घटना के प्रति प्रशासन और पुलिस का रवैया अभी तक निराशाजनक रहा है। काठगोदाम थानाध्यक्ष विमल मिश्रा ने घटना के दो दिन बाद सैंपल जाँच के लिए ऋषिकेश भेजे।
जब उन्होंने काठगोदाम थानाध्यक्ष से मामले की प्रगति के बारे में पूछा तो पता चला कि ऋषिकेश लैब में पके मांस की जांच ही नहीं होती है। अब मांस का सैंपल हैदराबाद की किसी निजी लैब में भेजने की बात कही जा रही है।
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कुल मिलाकर गौ मांस जैसे संवेदनशील मामले में नामी गिरामी स्कूल की संलिप्तता के मामले में पुलिस प्रशासन की यह कार्रवाई साफ बताती है कि कोई न कोई झोल जरूर है।
ये हाल तब है जब अभी दो दिन पहले ही अल्मोड़ा के भिकियासैंण में चार गौ तस्करों ने चार गायों की निमर्मता से हत्या कर उनका मांस मुरादाबाद में ठिकाने लगा दिया। बावजूद इसके इस गंभीर संवेदनशील मामले में जांच में यह देरी कई सवाल खड़े कर रही है।
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सवाल यह भी है कि काठगोदाम थानाध्यक्ष जैसे जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद पुलिसकर्मी को यह जानकारी ही नहीं कि ऋषिकेश की सरकारी लैब में किस तरह के मांस की जांच होती है? जब पुलिस ही नियमों से अनजान है तो क्या खाक आम जनता को नियम कायदों का पाठ पढ़ाएगी?
ऐसे में जिले के कप्तान पीएन मीणा और जिलाधिकारी वंदना सिंह को भी इस संवेदनशील मामले की पड़ताल का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर हल्द्वानी की जनता को यह बताना चाहिए कि आखिर सच क्या है। जिससे आम जनता का लॉ एंड ऑर्डर पर इकबाल बना रहे।
इस मौके पर स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष पंकज खत्री ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में धर्मान्तरण और गौमांस या किसी भी प्रकार का मांस बनाना उचित नहीं है। उन्होंने तत्काल स्कूल के प्रिंसिपल को बर्खास्त करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
ज्ञापन देने वालों में दीपांशु पोखरिया, पवन गुप्ता, भविष्य रावत, गौतम भोला, करन जायसवाल , मनोज तिवारी, हेमेंद्र रावत, सरोज बिष्ट, आशा रावत, केडी तिवारी, विक्की, तन्मय पांडे, भावना जोशी, रश्मि तिवारी , मंजू बिष्ट , कमल पांडे, भुवन भट्ट, गणेश भट्ट, चंद्रशेखर जोशी समेत दर्जनों गौ सेवक मौजूद रहे।