32 साल से ‘कांग्रेस पथ’ के सिपाही की मेयर दावेदारी को मिलेगा आलाकमान का साथ?

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में निकाय चुनाव कब होंगे, इस सवाल का जवाब सिवाय भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान के किसी के पास नहीं है। दो दिसंबर 2023 से नगर निकाय प्रशासकों के हवाले छोड़े गए हैं।

ऐसे में कहीं न कहीं निकायों का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। वहीं, अभी तक आरक्षण को लेकर भी स्थिति साफ नहीं हुई है। ऐसे में दावेदारों में मेयर सीट सामान्य होगी या आरक्षित यह भी संशय बना हुआ है।

इन सबके बीच पिछले एक साल से हल्द्वानी समेत प्रदेश भर में पार्षद और मेयर के दावेदार पसीना बहा रहे हैं। सिर्फ पसीना ही नहीं कमाई भी अपने प्रचार में खपा रहे हैं। ऐसे में आज कांग्रेस के स्वराज आश्रम में आयोजित बैठक में 31 कांग्रेसी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और दिग्गज कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल के सामने मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी का दम भरने पहुंचे। इनमें कांग्रेस के कांग्रेस महानगर अध्यक्ष एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट, ललित जोशी, पूर्व सभासद राजेन्द्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शोभा बिष्ट, युवा कांग्रेस नेता मीमांशा आर्य के नाम प्रमुख हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने भी आज निकाय चुनाव प्रभारी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल के सामने मेयर पद की दावेदारी पेश करते हुए कहा कि पिछले 32 सालों से वह कांग्रेस के समर्पित सिपाही रहे हैं। पहले भी दो बार मेयर पद की दावेदारी कर चुके हैं लेकिन टिकट नहीं मिला। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि माना और जमीन पर कांग्रेस को मजबूती देने के मिशन में जुटे रहे।

ललित जोशी ने कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व ने उनकी दावेदारी पर मुहर लगाई तो हल्द्वानी की हर छोटी बड़ी जनसमस्याओं का निस्तारण उनकी प्राथमिकता में रहेगा। ललित जोशी ने कहा कि हल्द्वानी को एजुकेशन हब बनाना उनका सपना है।

इसके साथ ही शहर की सुगम यातायात व्यवस्था के लिए पैदल पथ मार्ग और समपार बनाना, पेयजल समस्या का स्थाई समाधान, नजूल भूमि मामलों का निस्तारण कर मालिकाना हक दिलाना, कूड़ा निस्तारण को प्रभावी बनाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।

बताते चलें कि कांग्रेस के 31 उम्मीदवारों की लिस्ट में ललित जोशी की दावेदारी को प्रभावी माना जा रहा है। कांग्रेस में लगातार 32 सालों से जुड़े रहना और दो बार टिकट न मिलने के बावजूद पार्टी से समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर जुड़े रहना ललित जोशी की दावेदारी को अलग तो बना ही रहा है।

आज निकाय चुनाव प्रभारी कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी इशारों इशारों में कहा कि आज जिन 31 लोगों की दावेदारी आई है उनमें से कुछ लंबे समय से कांग्रेस के कर्मठ सिपाही के तौर पर जन जन में लोकप्रिय हैं लेकिन कई नाम ऐसे भी हैं जिनके बारे में वह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच बैठक कर जानकारी लेंगे।

गोविंद सिंह कुंजवाल ने साफ कहा कि इस बार कांग्रेस हाईकमान ने भी मन बनाया है कि मेयर का टिकट उसी कार्यकर्ता को दिया जाएगा जो वाकई जमीन पर कांग्रेस की नीतियों को उतारता रहा है। टिकट देते समय इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि कौन कितने समय से पार्टी से जुड़ा है। ये साफ इशारा उन दावेदारों की तरफ है जिन्होंने निजी स्वार्थ के लिए भाजपा का दामन थामने में भी देर नहीं लगाई।

आज मेयर की दावेदारी करने वाले कुछ नाम तो ऐसे भी हैं जो कुछ समय पहले ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कांग्रेस के निकाय प्रभारी गोविंद सिंह कुंजवाल की मानें तो ऐसे नामों के बजाय पार्टी के उस कार्यकर्ता की दावेदारी को वरीयता दी जाएगी जो हर हाल में कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा।

ये सच है कांग्रेस से जुड़े हर व्यक्ति को अपनी दावेदारी पेश करने का अधिकार है लेकिन एक सच यह भी है कि आखिर वो दावेदारी करने से भी क्या होगा जो सिर्फ और सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए हो।

खबर तो यहां तक भी है कि सुर्खियां बटोरने तक तो ठीक लेकिन आज जो 31 दावेदारों की लिस्ट सामने आई है उनमें से कुछ नाम तो ऐसे हैं जो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के जमीनी नेताओं की राह में रोड़ा अटकाने के उद्देश्य से सामने लाए गए हैं।

यानी कहें तो कांग्रेस के भीतर ही कांग्रेस को रोकने वाले तैयार बैठे हैं। ये हाल तब है जबकि पिछले 10 साल में कांग्रेस हल्द्वानी नगर निगम के मेयर पद से दूर है।

लेकिन एक सच यह भी है अगर कांग्रेस पार्टी को निकाय चुनाव में जीत अपने नाम करनी है और भाजपा साम्राज्य को भेदना है तो उसे अपने भीतर छुपे ऐसे लोगों को दरकिनार करना होगा जिनके लिए पार्टी हित बाद में और निजी हित सर्वोपरि है।

ये भी एक सच है कि जब तक कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट होकर बिना किसी धड़े में बंटकर चुनाव में एकजुट नहीं होंगे तब तक कांग्रेस के लिए निकाय चुनाव जीत पाना अभेद किले को भेदने से कम नहीं होगा, वो भी तब जब सामने भाजपा का जमीनी संगठन हो।

लेकिन एक सच ये भी है कि अगर इस चुनाव में कांग्रेस के जिम्मेदार अपने बीते सालों की गुटबाजी, धड़ेबाजी और ऊंची नाक जैसी बीमारी से बाहर नहीं निकले तो आगामी निकाय चुनाव उन्हें कभी न भूलने वाला दर्द दे जाएगा जिसकी आवाज 2027 तक जाना तय है।

हालांकि आज स्वराज आश्रम में माहौल को हल्का करने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं और दावेदारों चेहरे में। हंसी लाने के लिए निकाय चुनाव प्रभारी गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता आप सभी 31 लोग खुद को हल्द्वानी का चेयरमैन मानें। याद रखें जैसे ही आलाकमान की ओर से एक नाम फाइनल होगा तो बिना सोचे समझे उस नाम को जीताने के लिए पूरी ताकत झोंक दें, यही असल कांग्रेसी की निशानी होगी।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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