

चमोली, प्रेस 15 न्यूज। चमोली जनपद में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज रविवार को सैलानियों के लिए खोल दी गई है। पहले दिन फूलों की घाटी के दीदार करने के लिए सैलानी पहुंचे हैं।
सैलानियों का वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा फूलों की घाटी के मुख्य गेट पर स्वागत किया गया। जून महीने में 62 सैलानियों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन करवाया है। यहां 300 से अधिक प्रजातियों के हिमालयी फूल खिलते हैं। खास बात ये है कि यहां हर 15 दिन में खिले फूलों का रंग बदल जाता है।
फूलों की घाटी के लिए ऋषिकेश से 262 किमी बदरीनाथ हाइवे से चलकर ज्येातिर्मठ के गोविदंघाट तक सड़क मार्ग से पहुचंना पड़ता है।
गोविंदघाट से 14 किमी पैदल या डंडी कंडी ,घोडे खच्चर से फूलों की घाटी के बेस कैंप घांघरिया पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए गोविंदघाट से घांघरिया तक हेली सेवा भी उपलब्ध है।
बताते चलें कि विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए एक जून से 31 अक्टूबर तक खुली रहती है। फूलों की घाटी में रात्रि विश्राम की अनुमति किसी को नहीं है। यहां पर खाने की सामग्री की दुकानें भी नहीं हैं। लिहाजा पर्यटक अपने साथ खाने का सामान ले जाते हैं।
इस सामान के साथ जाने वाला कचरा भी वापस पर्यटक को ही लाना होगा। इस बार घांघरिया से फूलों की घाटी तक तीन किमी क्षेत्र में बामणधौड के आस-पास दो हिमखंड का दीदार भी पर्यटकों को खासा आर्कषित करेगा। इन हिमखंडों के बीच से काटकर पैदल रास्ता सुचारु किया गया है।
87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी में पांच सौ से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। कई प्रजाति के फूल खिलने से घाटी का रंग भी हर 15 दिनों में बदलता रहता है। इसे 1982 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा और 2005 में यूनिस्को से विश्व धरोहर का दर्जा मिला। फूलों की घाटी में रंग बिरंगे फूलों के अलावा भोजपत्र का जंगल भी है।
इन प्रजाति के रंग बिरंगे फूल खिले हैं घाटी में
थर्मोप्सिस बरबाटा
फ्रिटीलेरिया सिर्रोसा (लहसुन जड़ी)
एनीमोन पॉलीएंथेस
कैल्था (मार्श मैरीगोल्ड)
पोटेंटिला (वज्रदंती)
सेफलैनथेरा लोंगीफोलिया (आर्किड)
आइरिस कुमाओनेंसिस
एलियम (फरड)
पाइकोराइज़ा कुररोआ (कुटकी)
रोडूडेंड्रॉन एंथोपोगोन ( पीला बुरांश)
रोडूडेंड्रॉन केमपैनूलेटम ( सफेद बुरांश)
फूलों की घाटी के दीदार के लिए यह है शुल्क
भारतीय पर्यटकों के लिए प्रति पर्यटक 200 ₹
विदेशी पर्यटकों के लिए 800 ₹ प्रति पर्यटक
भारतीय 0 से 12 वर्ष आयु के बच्चों के लिए निशुल्क
भारतीय 12 से 18 वर्ष तक के छात्रों के लिए प्रति छात्र 50 ₹
भारतीय 18 वर्ष की उम्र से अधिक के छात्रों व सीनियर सिटीजन के लिए प्रति व्यक्ति 100 ₹



