

बागेश्वर, प्रेस 15 न्यूज। सुना है उसने खरीद लिया है करोड़ों का घर शहर में, मगर आंगन दिखाने आज भी वो बच्चों को गांव लाता है…ये पंक्तियां दिल में बसे गांव पहाड़ की अहमियत बताने के लिए काफी हैं।
आज के वक्त में जहां लोग अपने गांव पहाड़ से दूर शहरों की जिंदगी में रच बस गए हैं ऐसे वक्त में कुछ जुनूनी ऐसे भी हैं जो अपनी माटी का कर्ज चुकाने के लिए गांव पहाड़ को आबाद करने के मिशन में जुटे हैं।उन्हीं पहाड़ प्रेमियों का एक गांव बागेश्वर जनपद में स्थित है। यहां मातृभूमि रक्षा समिति का गठन किया गया है।

कांडा तहसील के छोटे से गाँव टिटोली का आज 132वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। सुबह पितरों के तर्पण फिर सुन्दरकांड के पाठ के साथ गांववासियों ने धूमधाम से यह उत्सव मनाया। इस दौरान पूर्वजों को यादकर बड़े बुजुर्गों की आँखें नम हो गई।
मुख्य अतिथि के तौर पर कपकोट के विधायक सुरेश गढ़िया, विशिष्ट अतिथि कर्नल विजय मनराल, जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी रहे।
समारोह कर्नल बीएस रौतेला ने बताया कि यह गाँव 24 जून 1894 को उनके परदादा भवान सिंह जी ने एक रूपया रकमी ज़मीन खरीद कर बसाया था। इस क्षेत्र से पहले सेना में भर्ती होने वालों में उनके ताऊ जी गुमान सिंह 1916 में 2/3 गोरखा राइफल्स में भर्ती हुऐ थे।
1926 में उनके दूसरे ताऊ जी हरक सिंह सेना में भर्ती हुए। द्वितीय विश्व युद्ध में उन्हें मिलिट्री क्रॉस से नवाज़ा गया था और बाद में भारत के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के एडीसी रहे। उनके तीसरी ताऊ जी 1934 मे भर्ती हुए। द्वितीय विश्व युद्ध में उन्हें जंगी इनाम से तथा 1947-48 भारत पाकिस्तान युद्ध में कुशल नेतृत्व, बहादुरी के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से अलंकृत किया गया।
1916 से परिवार कुमाऊँ रेजिमेंट से जुड़ा रहा और वर्तमान में भी कई युवा भारतीय सेना मे रहकर मातृभूमि की रक्षा मे तैनात हैं।
इस अवसर पर कर्नल रौतेला ने विधायक के सम्मुख यह चिंता भी जताई कि वर्तमान मे सेना में कम युवा जा रहे हैं। यदि यही हाल रहा तो उत्तराखंड जो शुरू से सैन्य बाहुल्य प्रदेश रहा है उसमे सैनिक कम हो जायेंगे।
कर्नल रौतेला ने विधायक को बताया कि यदि घर गाँव में चिकित्सा की सुविधा अच्छी हो जाती तो हम जैसी सेवानिवृत लोग हल्द्वानी रहने के बजाय गाँव में रहना पसंद करते और यदि शिक्षा व्यवस्था ठीक हो जाती तो जो लोग छोटे बच्चों के साथ हल्द्वानी, अल्मोड़ा या अन्य शहरों मे किराये मे रह रहे हैं वे गांवों में रहते जिससे गाँव आबाद रहते और संपन्न रहते।
विधायक ने कहा कि इस क्षेत्र में हमारी सरकार काम कर रही है। विधायक ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे मे विस्तार से जानकारी दी तथा सैनिक कल्याण अधिकारी ने भी सैनिक कल्याण बिभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे मे जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जो भी सेवारत और सेवानिवृत सैनिकों के बच्चे हैं उन्हें पूर्ण रूप से निशुल्क भर्ती पूर्व प्रशिक्षण दिया जा रहा है ऐसे में लोग अधिक से अधिक संख्या में अपने भर्ती होने योग्य बच्चों को इस निशुल्क प्रशिक्षण में अवश्य भेजें ताकि वह समय पर भर्ती होकर राष्ट्र सेवा कर सकें। इस अवसर पर गांव के वरिष्ठ जन मौजूद रहे।

