उत्तराखंड: हरिद्वार में है मां का ये अलौकिक मंदिर जहां पेड़ में धागा बांधने से पूरी होती हैं मुरादें

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Holy Miraculous Temple of Uttarakhand: Center of Faith: Miraculous Temple: Maa Mansa Devi: Haridwar news: हरिद्वार, प्रेस15 न्यूज। देवभूमि उत्तराखंड का हरिद्वार शहर यूं तो पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद खास स्थान रखता है। यहां बहती पावन गंगा नदी के किनारे कई दिव्य मंदिर हैं लेकिन शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के शिखर पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर अपने आप में अनूठा है। मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी आता है। यही वजह है कि मां मनसा के इस दरबार में उत्तराखंड के साथ-साथ देश दुनिया के श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है। मनसा का शाब्दिक अर्थ भी इच्छा पूरी करने वाली देवी है।

जब मां मनसा देवी ने किया था महिषासुर का वध

मान्यता है कि मनसा देवी के मंदिर प्रांगण में स्थित स्नोही वृक्ष में धागा बांधने से मन की हर मुराद पूरी होती है। यही वजह है कि ऋद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद परिसर में स्थित स्नोही वृक्ष में धागा बांधना नहीं भूलते। इतना ही नही मनोकामना पूरी होने के बाद पेड़ से धागा खोलने की भी मान्यता है। मंदिर के इतिहास की बात करें तो मनसा देवी मंदिर का निर्माण राजा गोला सिंह ने सन 1811 से 1815 के बीच किया था। यह मंदिर उन चार स्थानों में से एक है, जहां समुद्र मंथन के बाद निकले अमृत की कुछ बूंदें गलती से यहां पर गिर गईं थीं। जिसके बाद इस स्थान पर मां मनसा के मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर में मां की दो मूर्तियां स्थापित की गयी हैं। एक प्रतिमा में उनके तीन मुख और पांच भुजाएं हैं जबकि दूसरी प्रतिमा में आठ भुजाएं हैं। मां कमल और सर्प पर विराजित हैं। हरिद्वार शहर के अपर रोड के समीप स्थित मां मनसा देवी मंदिर में हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

मां मनसा के इस अलौकिक मंदिर से जुड़ी यूं तो कई मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि एक बार महिषासुर राक्षस ने देवताओं को पराजित कर दिया। इसके बाद देवताओं ने अपनी रक्षा के लिए देवी मां को याद किया। देवी मां ने प्रकट होकर महिषासुर राक्षस का वध किया। इस पर देवताओं ने देवी मां की पूजा अर्चना की और देवी से कहा कि हे देवी जिस प्रकाश आपने हमारी मनसा को पूरा किया, इसी प्रकार कलियुग में भी भक्तों की मनसा को पूरा कर उनकी विपत्ति को दूर करें। कहते हैं कि इस पर देवी ने हरिद्वार के शिवालिक पर्वत ऋंखलाओं के मुख्य शिखर के पास ही विश्राम किया। जिसके बाद यहां मनसा देवी मंदिर की स्थापना हुई।

कैसे पहुंचे मां मनसा देवी मंदिर

तीर्थनगरी हरिद्वार पहुंचने के लिए देश के प्रमुख शहरों से सड़क और ट्रेन और हवाई यातायात उपलब्ध है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन से ऑटो, टैक्सी की मदद से मंदिर पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब तीन किमी है। सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए किसी भी शहर से परिवहन निगम की बस, निजी बस, टैक्सी या खुद के वाहन से पहुंचा जा सकता है। मां के दरबार तक सीढ़ियों के अलावा उड़न खटोले से पहुंच सकते हैं। इतना ही नहीं मुख्य मार्ग से मां के दरबार तक पहुंचने के लिए आप किराए पर टू व्हीलर स्कूटी की सेवा भी ले सकते हैं। हरिद्वार से नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। यहां से टैक्सी या बस के जरिए मां के धाम पहुंचा जा सकता है। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी करीब 40 किमी है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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