उत्तराखंड पुलिस क्या है इन जैसों का इलाज? हल्द्वानी कोतवाली में खुले में कूड़ा जलाया तो क्या ओजोन परत में छेद हो गया!

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। नियम कानून का पाठ पढ़ाने वाली नैनीताल पुलिस को हल्द्वानी कोतवाली की अंधेरगर्दी दिखाने के 24 घंटे बाद भी सिस्टम खामोश है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि जिले में कैसे कामकाज चल रहा है।

हल्द्वानी कोतवाली से शहरवासियों से नियम कायदों के पालन की अपील की जाती है। लेकिन रविवार शाम इसी कोतवाली के मुख्य गेट के बाहर खुले में कूड़ा जलाया जा रहा था। घंटों तक कूड़ा जलता रहा और धुवें का गुबार कोतवाली आने वाले हर फरियादी की सासों में घुलता रहा लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इस अंधेरगर्दी के खिलाफ एक्शन नहीं लिया।

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कोतवाली के मुख्य गेट पर बेखौफ होकर घंटों तक कूड़ा जलाया गया और काला धुवां फरियादियों की सासों में घुला। इस दौरान कोतवाली में मौजूद कांस्टेबल से लेकर दारोगा और एलआईयू का स्टाफ भी इधर से उधर घूमता दिखा लेकिन किसी ने भी खुले में जलते कूड़े के ढेर को हटाने या बुझाने की कोशिश तक नहीं की। साफ था कि ऐसा कोतवाली में पहली बार नहीं हो रहा था, इसलिए किसी ने प्रदूषण की इस घटना को गंभीरता से भी नहीं लिया।

ये सवाल नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से भी पूछा जाना चाहिए जो किसी दुकानदार या आम व्यक्ति के खुले में कूड़ा जलाने के बाद उसका पांच हजार का चालान काटने में देर नहीं लगाते। ऐसे में हल्द्वानी के लोग पूछ रहे हैं कि क्या कोई पुलिस का भी चालान काटेगा?

कोतवाली के जिस कूड़े को नगर निगम की कूड़ा गाढ़ी में डाला जाना चाहिए था, वह घंटों तक कोतवाली के मुख्य गेट पर जलाया गया। ऐसा नहीं था कि रविवार को कोतवाली में कोई जिम्मेदार पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। जिस वक्त कोतवाली गेट पर यह जलता कूड़ा प्रदूषण कर रहा था, ठीक उसी समय एलआईयू और दूसरे दारोगा वहां से गुजर रहे थे।

पहली बार ये जरूर हुआ कि कोतवाली पुलिस की  अंधेरगर्दी की ये तस्वीर “प्रेस 15 न्यूज” के कैमरे में कैद हो गई। अंधेरगर्दी इसलिए क्योंकि नियम तोड़ने पर वाहन स्वामियों के चालान काटने वाली पुलिस ही जब खुले में कूड़ा जलाएगी और बेखौफ होकर प्रदूषण फैलाने काम करेगी तो क्या कहेंगे।

आप हैरान रह जाएंगे जब जनसरोकार की इस खबर को “प्रेस 15 न्यूज” के जरिए हल्द्वानी समेत उत्तराखंड की आम जनता तक पहुंचा तो पुलिस ने अपने ही विभाग के बयान बहादुर मैदान में छोड़ दिए। आज हम ऐसे ही उत्तराखंड पुलिस के बयान बहादुर के बयान से आपको रूबरू कराते हैं।

दरअसल, जब “प्रेस 15 न्यूज” ने हल्द्वानी कोतवाली में खुले में जल रहे कूड़े की खबर को फेसबुक में पोस्ट किया तो कई लोगों ने इमोजी के जरिए खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कुछ लोगों ने पुलिस की अंधेरगर्दी के खिलाफ भी कमेंट करने की हिम्मत दिखाई तो कुछ ने पुलिस की बड़ी गलती को ढांपने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

इनमें वो लोग भी हैं जो अपना चेहरा छुपाकर और डीपी में पूज्य नीम करौरी बाबा की तस्वीर लगाकर फेसबुक में कुछ भी कहीं भी कॉमेंट करने वालों ने शुमार हैं।

इनके बारे में भी आपको बताएंगे लेकिन पहले आप उत्तराखंड पुलिस के हेड कांस्टेबल घनश्याम सिंह रौतेला के उस कमेंट को जानिए जो उन्होंने हल्द्वानी कोतवाली गेट में जलते कूड़े की खबर के नीचे लिखा है। ये वही घनश्याम सिंह रौतेला हैं जो कुछ समय पहले तक हल्द्वानी कोतवाली में तैनात थे।

अब ट्रांसफर के बाद अल्मोड़ा पुलिस में तैनात घनश्याम सिंह रौतेला ने “प्रेस 15 न्यूज” की फेसबुक खबर पर कमेंट करते हुए लिखा है कि “बहुत ही चिंता का विषय है इस एक बाल्टी में जलते कूड़े से जरूर ओजोन परत का और अधिक क्षरण हो गया होगा और उसे बेजुबान के बारे में में आपकी चिंता उसी तरह है जैसे दीपावली होली में पटाखे और रंग से जानवरों को परेशानी होने की बात बोलने वाले कुछ सेलिब्रिटीज की होती है।”

लोग पूछ रहे हैं कि घनश्याम ने इतना ज्यादा लिखने का कष्ट क्यों किया? सीधे सीधे बोल देते कि नियम तोड़ने पर चालान झेलने के लिए सिर्फ हल्द्वानी की आम पब्लिक बनी है। पुलिस की खामी पर सवाल उठा दिया तो ओजोन परत, दिवाली, होली, सेलिब्रिटीज सब याद आ गए। सार्वजनिक स्थान पर पुलिस कूड़ा जलाए तो ठीक और आम जनता ऐसा करे तो जुर्माना…

खैर, “प्रेस 15 न्यूज” की इस फेसबुक खबर पर जितने भी कॉमेंट ओरिजनल और फेक आईडी से आए, उससे साफ है कोतवाली पुलिस बैकडोर से सक्रिय तो हुई है खुद को पाक साफ बताने में।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोतवाली पुलिस की इस मनमानी की जानकारी जिले के कप्तान पीएन मीणा को है? आप हैरान रह जाएंगे कि “प्रेस 15 न्यूज” को इस खबर को दिखाए 12 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन नैनीताल पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

हां, इतना जरूर हुआ कि जब “प्रेस 15 न्यूज” ने इस खबर को चैनल के फेसबुक पेज में साझा किया तो पुलिस की इस अंधेरगर्दी की वकालत करने कई लोग कूद पड़े। अब कमेंट करने वाले ओरिजनल आईडी से कमेंट कर रहे थे या ये इनकी फेक आईडी है, यह जांच का विषय है।

कमेंट करने वाले फेसबुक यूजर्स में Kripal bisht, Himanshu singh और Meenakshi tiwari के कॉमेंट साफ बता रहे हैं कि वो पुलिस की कमी को उजागर करने पर बिलबिला गए हैं। और मीडिया को गरियाने से भी नहीं चूक रहे।

पुलिस की चापलूसी में कंठ तक डूबे Kripal bisht नाम के सड़कछाप प्रवृत्ति के शक्स के कमेंट पर भी गौर कीजिए। यह शख्स अपनी तस्वीर के बजाय फेसबुक डीपी में कभी पूज्य बाबा नीब करौली तो कभी भगवान शिव और दूसरे भगवानों की तस्वीर लगाने का आदी है।

अपनी करतूत से भगवान को बदनाम करने वाला Kripal bisht नाम का यह सड़कछाप लिखता है कि “इनको सारी दिक्कत पुलिस से ही है फिर पब्लिक में पिटते है और पुलिस नही बचाती तो रोते रोते पुलिस के पास ही जाते है, असल में जहर तो इन जैसे पत्रकारों ने घोल रखा है समाज में।”

अब इस सड़क छाप को क्या ही कुछ कहें जिसे अपने चेहरे पर ही शर्म आती हो और भगवान की तस्वीर से जो खुद को छुपाता हो। ऐसे ही लोग महिलाओं की पोस्ट पर भी आपत्तिजनक कॉमेंट करने में भी आगे रहते हैं।

खबर को देखने और इसमें आए कमेंट को पढ़ने के बाद कई जागरूक लोग तो यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है खबर पर अनाप शनाप कॉमेंट करने वाले ये असामाजिक लोग इस तरह के कॉमेंट कहीं कोतवाली के जिम्मेदार पुलिस के इशारे पर ही नहीं कर रहे हैं। हालाकि ये जांच का विषय है। लेकिन जांच भी तो पुलिस को ही करनी है…

इनमें से Kripal Bisht, Himanshu singh ने तो अपना चेहरा भी भगवान शिव और पूज्य बाबा नीब करौली की तस्वीर लगाकर छुपाया है। यानी साफ है जिन्हें अपने चेहरे पर भी भरोसा नहीं वो भी जनसरोकार वाली खबर में बयान बहादुर बनकर कूद रहे हैं।

साफ है कि कहीं न कहीं इनके चेहरे, नीयत और कारनामों में खोट है जो ये कभी पूज्य बाबा नीब करौली तो कभी भगवान शिव की तस्वीर लगाकर छुपाते हैं।

अब हल्द्वानी वासियों को इस मामले में एसएसपी पीएन मीणा के एक्शन का इंतजार है जिससे समाज के बीच सकारात्मक संदेश जाए और भविष्य में कोतवाली के जिम्मेदार खुले में कूड़ा जलाने और प्रदूषण करने से बचें।

अब यह मामला डीआईजी, डीजीपी और माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचे ये तो अच्छी बात नहीं है ना…

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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