उत्तराखंडः रो- रोकर पूछ रहे पहाड़ की बेटी के माता-पिता… धामी सरकार क्या हुआ तेरा वादा

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Uttarakhand News: Justice for Ankita Bhandari: Helpless parents sitting on strike in Srinagar: Appealed to get justice for their daughter: हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। पौड़ी की दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के माता-पिता उसके जाने के एक साल बाद भी आज सत्ता में बैठे हुक्मरानों से यही सवाल पूछ रहे हैं आखिर उनकी बेटी का कसूर क्या था? क्यों उनके घर-आंगन की खुशियों बिखेरने वाली बेटी को सत्ता के करीबी दानवों ने मौत की नींद सुला दिया।

इन्हीं सवालों के साथ दिल में सागर सी गहरी दर्द की पोटली छुपाकर एक बार फिर अंकिता भंडारी के माता-पिता बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग को लेकर श्रीनगर के पीपलचौरी में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। शहीदे आजम चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस के दिन 27 फरवरी से अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और मां सोनी देवी चीख-चीखकर राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके साथ किया हुआ वादा पूरा करें।

दुःखद तस्वीरः अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए मजबूर माता पिता को धरने पर बैठना पड़ा है।

अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि एक साल बाद भी उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल सका है। इतना ही नहीं जो लोग बेटी को न्याय दिलाने के किए उनकी मदद कर रहे हैं, सरकार उन लोगों के खिलाफ साजिश कर उन्हें और उनके परिजनों का या तो ट्रांसफर कर रही है या फिर मुकदमे में फंसाने का षड़यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से राज्य की सरकार बेटी के गुनहगारों को बचाने में जी जान लगाए हुए है लेकिन उन्होंने भी ठान लिया है जब तक बेटी को न्याय नहीं मिलता धरना जारी रखेंगे।

अंकिता के पिता ने कहा कि सरकार वीआईपी का नाम उजागर करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश कर रही है जबकि उन्होंने वीआईपी अजय कुमार का नाम पौड़ी डीएम को लिखित में दिया है लेकिन सरकार उसकी जांच नहीं कर रही है। सरकार आरोपी पुलकित आर्य की संपत्ति को भी वैध करार दे रही है जबकि पौड़ी पुलिस पुलकित की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दे चुकी है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने डोभ श्रीकोट में बने नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर करने की घोषणा की है लेकिन आज तक उस घोषणा पर कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है। इतना ही नहीं अंकिता केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की बात भी मुख्यमंत्री धामी ने कही थी लेकिन फिर भी केस को सामान्य कोर्ट में ही चलाया जा रहा है।

अंकिता भंडारी के बेबस माता पिता की हिम्मत बढ़ाने पहुंच रहे हैं पहाड़ के सच्चे बेटे और बेटियां।

इस दौरान अंकिता को न्याय दिलाने की लड़ाई मजबूती से लड़ रहे वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष नेगी समेत मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के मोहित डिमरी, लुशून टोडरिया और विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने विरेंद्र भंडारी और सोनी देवी की हिम्मत बढ़ाने पहुंचे। अंकिता को न्याय दिलाने और बेबस माता-पिता की हिम्मत बढ़ाने के लिए लगातार लोग धरना स्थल पहुंच रहे हैं।

बताते चलें कि उत्तराखंड के पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में पौड़ी जिले के ही डोब श्रीकोट गांव निवासी अंकिता भंडारी (19) बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थीं। अंकिता आठ सितंबर 2022 को लापता हुई थी। 18 सितंबर को नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी गई। 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर से मिला था। इस जघन्य कांड में भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य और उसके साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता शामिल थे। मामले को एक साल से ज्यादा बीत गया है, लेकिन अब तक आरोपियों को सजा नहीं मिल सकी है।

ये हैं अंकिता भंडारी के माता-पिता की मांगें

1- वीआईपी अजय कुमार की कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन की जांच करो।
2- पुलकित आर्य, विधायक रेणु बिष्ट, एसडीएम प्रमोद कुमार व पटवारियों को सजा से बचाने में सरकारी मदद बंद करो।
3- डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा अंकिता केस के पैरोकारों की पत्नी, बहन, बेटियों का उत्पीड़न और फर्जी मुकदमे में फंसाना बंद करो।
4- सीएम धामी नर्सिंग कॉलेज को अंकिता के नाम पर करने का वादा पूरा करो।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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