देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। आरटीओ, एआरटीओ कार्यालय में लाइसेंस से लेकर वाहनों की फिटनेस के लिए अगर आपका कभी पाला पड़ा हो तो आप जानते होंगे कि कैसे एक काउंटर से दूसरे काउंटर घूम घूम कर पसीने छूट जाते हैं।
भले ही इन दिनों सारा ऑनलाइन हो रहा हो लेकिन अब भी चप्पल जूते घिसने ही पड़ रहे हैं। ऐसे में जिस घूसखोरी के लिए संभागीय परिवहन कार्यालय बदनाम था, वो क्रम आज भी बदस्तूर जारी है।
बस फर्क सिर्फ इतना है कि अब घूस लेने वाले थोड़ा सतर्क हो गए हैं। हर किसी के जेब में फोन है, कौन कब वीडियो बना ले और वायरल कर दे, कह नहीं सकते। ऐसे में शातिर घूसखोर अफसर कर्मचारी भी अलर्ट मोड में रहते हैं। लेकिन अब भी कुछ परम्परागत दिमाग वाले अफसर कर्मचारी हैं जो डंके की चोट पर घूस मांग रहे हैं।
आप उत्तराखंड के जिस भी गांव शहर से इस खबर को अभी पढ़ रहे हैं, वहां के आरटीओ और एआरटीओ दफ्तर के हालात कैसे हैं, यह आपसे छुपा नहीं होगा। दावा है हालात ज्यादा बेहतर नहीं होंगे।
आज ऐसे ही एक भ्रष्ट अधिकारी को विजिलेंस की टीम ने धर दबोचा। देहरादून की विजिलेंस टीम ने रुड़की एआरटीओ कार्यालय में छापा मारकर सहायक परिवहन निरीक्षक को 10 हजार ₹ की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
जानकारी के अनुसार, देहरादून विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि रुड़की एआरटीओ कार्यालय में सहायक परिवहन निरीक्षक नीरज कुमार एक व्यक्ति से विभाग का काम करवाने के लिए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत पर टीम ने गुरुवार की दोपहर एआरटीओ दफ्तर के आसपास डेरा डाल दिया।
इसके बाद टीम ने शिकायतकर्ता को 10 हजार ₹ लेकर सहायक परिवहन निरीक्षक के पास भेजा। शिकायतकर्ता ने जैसे ही सहायक परिवहन निरीक्षक को रिश्वत दी, उसी समय टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम की कार्रवाई से एआरटीओ कार्यालय में अफरातफरी मच गई। अब टीम सहायक परिवहन निरीक्षक से पूछताछ कर इसकी कुंडली खंगाल रही है।