उत्तराखंड: जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरा नकल माफिया हाकम सिंह, मांग रहा था 15 लाख, साथी संग गिरफ्तार 

खबर शेयर करें -

देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में नकल माफिया के हौसले किस कदर बुलंद हैं इसे इस बात से समझिए कि जेल जाने का बाद भी नकल माफिया सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।

नकल माफिया हाकम सिंह।

एक बार फिर उत्तराखंड में नकल माफिया के तौर पर विख्यात हाकम सिंह अपने सहयोगी नटवरलाल पंकज गौड़ के साथ गिरफ्तार हुआ है।

Ad

इससे पहले नकल माफिया जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता हाकम सिंह 2022 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है। हालाकि उसका कांड बेपर्दा होने के बाद भाजपा ने उसे छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

अब एक बार फिर हाकम सिंह और उसके गिरोह पर 21 सितंबर के UKSSSC पेपर के अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की मांग करने का आरोप है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी अभ्यर्थियों को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सफलता दिलाने का प्रलोभन देकर 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे।

योजना यह थी कि यदि परीक्षार्थी स्वतः चयनित हो जाते तो आरोपी रकम हड़प लेते और असफल होने की स्थिति में भविष्य की परीक्षाओं में पैसे एडजस्ट करने का बहाना बनाकर अभ्यर्थियों को अपने झांसे में रखते।

देहरादून पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी। इसी दौरान सूचना मिली कि परीक्षा में धोखाधड़ी करने के लिए गिरोह सक्रिय है। जांच में सामने आया कि पंकज गौड़, हाकम सिंह के संपर्क में है और अभ्यर्थियों से पैसे की मांग कर रहा है। इस आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को पटेल नगर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों का नाम पता

1. हाकम सिंह (42 वर्ष), पुत्र केदार सिंह, निवासी ग्राम निवाड़ी पोस्ट बैटरी, थाना मोरी, जनपद उत्तरकाशी।

2. पंकज गौड़ (32 वर्ष), पुत्र केशवानंद गौड़, निवासी ग्राम कंडारी, ब्लॉक नौगांव, राजस्व थाना कंडारी, बड़कोट, जनपद उत्तरकाशी।

दोनों के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपियों की साजिश परीक्षा की सुचिता और गोपनीयता को प्रभावित करने वाली नहीं थी। इस गिरफ्तारी को मुख्यमंत्री उत्तराखंड के सख्त नकल विरोधी कानून का असर माना जा रहा है।

लेकिन सवाल उठ रहे हैं आखिर नकल माफिया जेल जाने के बाद भी क्यों सुधर नहीं रहे हैं। क्या उन्हें अभी भी उत्तराखंड के सिस्टम में बैठे किसी मजबूत राजनेता या नौकरशाह की शह मिली हुई है?

साल 2022 में कुछ दिन जेल में रहकर फिर आजाद घूमने वाला नकल माफिया अब मुख्यमंत्री धामी के नकल विरोधी कानून आने के बाद कितने दिन तक जेल के अंदर रह पाता है , इस पर उत्तराखंड के हर बेराजगार युवा और उसके मां बाप की नजर टिकी हुई है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
1
+1
0

Ad Ad

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें