
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले 14 सहायक अध्यापकों को राज्य सरकार द्वारा उनकी बीएड की डिग्री अमान्य ठहराते हुए रुद्रप्रयाग में उनके खिलाफ जारी आरोप पत्रों को चुनौती देती याचिका को निस्तारित कर दिया है।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से आरोप पत्र का जवाब देने को कहा और राज्य सरकार को मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

मामले के अनुसार, सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक दिनेश चंद चमोली व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने वर्ष 1989 में और अन्य ने 1994-95 में बीएड की डिग्री ली थी। इसके बाद, उनके प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही उन्हें नियुक्ति दी गई थी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि अब रिटायरमेंट के आसपास राज्य सरकार ने उनके खिलाफ यह कहते हुए कि उनकी डिग्री फर्जी हैं, आरोपपत्र तय कर मुकदमा दर्ज किया है।
यह भी कहा गया है कि जिस संस्थान से उन्होंने बीएड की डिग्री ली है, वह शिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता प्राप्त विद्यालय की सूची में शामिल नहीं है।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

