देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने हर बार की तरह इस बार भी पूरे दमखम के साथ साम,दाम, दंड, भेद की नीति का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
वैसे सियासत इसी का नाम ही तो है। जहां आम जनता से ये कहकर वोट लिया जाता है कि लोकतंत्र के महापर्व में वही सबसे महत्वपूर्ण किरदार है लेकिन हकीकत यह है कि चुनाव परिणाम के बाद वही जनता अपने मुद्दों और समस्याओं के निदान के लिए भिक्षुक की तरह जनप्रतिनिधियों के दरबार में चप्पलें घिसती है।
इन दिनों उत्तराखंड में जहां कांग्रेस के दिग्गज भाजपा के दामन को थामने की होड़ में लगे हैं तो वहीं कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने भाजपा की नींद भी उड़ाकर रखी हुई है।
दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने गोदियाल को तीन नोटिस भेजे हैं और 22 मार्च को महाराष्ट्र के थाणे जिले में पेश होने को कहा है।
नोटिस मिलने के बाद पौड़ी लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा है कि BJP लाख कोशिशें कर लें हम फांसी के फंदे पर चढ़ने को तैयार हैं, लेकिन हम अपने उसूलों से समझौता नहीं करेंगे क्योंकि हम भगत सिंह के अनुयायी है और वो सावरकर के अनुयायी है।
इतना ही नहीं गणेश गोदियाल ने आज देहरादून में प्रेसवार्ता कर भाजपा पर जमकर हमला बोला। गोदियाल ने कहा कि सर्वे में पौड़ी संसदीय सीट पर कांग्रेस की सम्भावित जीत को देखते हुए भाजपा बौखला गई है और इनकम टैक्स नोटिस भेज कर दबाव में लेने और डराने की साजिश रच रही है।
गणेश गोदियाल ने कहा कि वह भाजपा के अनिल बलूनी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए उन्हें इनकम टैक्स के नोटिस भेजे गए। दिल्ली से आए पैराशूट प्रत्याशी अनिल बलूनी के बजाय जनता उनके पक्ष में खड़ी है।
गोदियाल ने कहा कि अनिल बलूनी अंकिता भंडारी हत्याकांड, यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले, अग्निवीर भर्ती, भू कानून मूल निवास ,जोशीमठ आपदा और गैरसैंण जैसे मुद्दों पर चुप रहे और अब चुनाव लड़ने उत्तराखंड पहुंच गए। गोदियाल ने कहा कि पहाड़ की जनता सब समझ रही है कि कौन उनके सुख दुख में खड़ा रहा।
पौड़ी से कांग्रेस के उम्मीदवार गणेश गोदियाल ने कहा कि भले ही बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भंडारी भाजपा में चले गए लेकिन चमोली की जनता कांग्रेस के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ का समझदार मतदाता यह सब समझ रहा है कि एक दिन पहले गणेश गोदियाल को पहाड़ का लाल कहने वाले राजेंद्र भंडारी अगले दिन ही किस दबाव में पार्टी से नाता तोड़ गए।
ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जैसे जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आएगी, वैसे वैसे भाजपा, कांग्रेस और दूसरे सियासी उम्मीदवारों के बीच ये वार- पलटवार और तेज होगा। अब निर्णय जनता को करना है कि कौन उम्मीदवार अगले पांच साल तक उनकी सेवा में हाजिर रहेगा और कौन जीतने के बाद उन्हें चप्पलें घिसवाने पर मजबूर करेगा।