देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। धूम्रपान से जानलेवा कैंसर हो सकता है, यह चेतावनी आपने अक्सर किसी फिल्म में या किसी बीडी सिगरेट के डिब्बे या विज्ञापन में जरूर लिखी देखी होगी। लेकिन अब आयुर्वेद के जानकारों ने एक ऐसी धूम्रपान वर्तिका खोज निकाली है जिससे सेहत बिगड़ने के बजाय अच्छी होगी।
देहरादून परेड ग्राउंड में 10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो में आज तीसरे दिन विभिन्न प्लेनरी सेशन में देश-विदेश के आयुष विशेषज्ञों ने आयुष के क्षेत्र में खोजी गई नवीन तकनीक और मेडिसिन के बारे में चर्चा-परिचर्चा की और प्रस्तुतीकरण दिया।
निर्दोष नामक कंपनी ने औषधीय धूम्रपान उपचार प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें तुलसी, नीम, हल्दी और अजवाइन के समावेश से धूम्रपान वर्तिका बनती है जो लोगों के बीच में उत्सुकता का केंद्र रही। साथ ही चर्म रोगों में अत्यंत लाभदायक औषधी दारूहरिद्रा (बर्बेरिन) का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।
नेत्र चिकित्सा के संबंध में एक नवीन खोज नेत्र तर्पण दृष्टि यंत्र का प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस यंत्र में औषधीय तेल के माध्यम से आंखों की चिकित्सा की जाती है।
पिंडरहॉल में आयुर्वेद के माध्यम से पशु चिकित्सा से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। जिसमें पशुओं में होने वाले चर्म रोगों एवं दूध से होने वाले विकारों में प्रयुक्त होने वाली औषधियां एवं उनके दूग्ध उत्पादक औषधीय पर विचार किया गया।
मकड़ी के दंश से होने वाले रोगों पर चर्चा की गई एवं उसके उपचार पर विचार किया गया। जिसमें डॉ. स्मिता को बेस्ट पेपर अवार्ड प्रदान किया गया है।
इस दौरान उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023 के प्रावधानों की भी जानकारी साझा की गई तथा आयुष नीति के बेहतर और त्वरित इंप्लीमेंटेशन के संबंध में बहुमूल्य सुझाव भी साझा किए गए।