उत्तराखंड पूछे सवालः सत्ता और विपक्ष के विधायकों को गैरसैंण में क्यों लगती है ठंड? जताया विरोध के अनोखा तरीका

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Uttarakhand News: Why do ruling and opposition MLAs feel cold in Gairsain? Expressed a unique way of protest: Haldwani News: हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को धामी सरकार ने 89 हजार करोड़ का बजट पेश कर दिया। सरकार का दावा है कि इस भारी भरकम बजट से राज्य की चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और सौर ऊर्जा का विकास होगा। लेकिन इन सबके बीच राज्य के लोगों में गैरसैंण को लेकर सरकार और विपक्षी विधायकों की बेरुखी पर चर्चा है।

देहरादून विधानसभा में बजट रखने जाते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

लोग पूछ रहे हैं कि आखिर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा देने का क्या फायदा जब वहां पहुंचने में ही माननीय विधायकों को ठंड लग रही है। लोग कह रहे हैं कि उत्तराखंड बनाने का एकमात्र उद्देश्य पहाड़ के दूरस्थ गांवों और जिलों का विकास करना था लेकिन यह विकास केवल देहरादून, हल्द्वानी और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी इलाकों तक ही सीमित रह गया है। अधिकांश गांवों के घरों में ताले लटके हैं और लोग मैदानी जिलों में रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं।

यूकेडी के नेता सुशील उनियाल ने साथियों के साथ रानीबाग में गार्गी नदी में ठंड के बीच स्नान करके दिखाया माननीयों को आईना।  प्रेस15 न्यूज

ठंड के कारण गैरसैंण की बेरूखी होने पर राज्य के विभिन्न राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठनों के लोगों ने भी विरोध जताया। मंगलवार को उत्तराखंड क्रांति दल की हल्द्वानी की टीम ने विरोध जताते हुए रानीबाग क्षेत्र में गार्गी नदी में स्नान किया और सत्ता और विपक्ष के विधायकों को आईना दिखाने का काम किया। यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने कहा कि जब पहाड़ के विधायकों को ही गैरसैंण में ठंड लगती है तो यह विधायक जी अपने क्षेत्र का क्या भला कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि राज्य के लोग खोखला विकास करने वाले नेताओं को पहचान जाएं वरना वो दिन दूर नहीं जब राज्य के लोग अपने ही जल, जंगल, जमीन से बेदखल हो जाएंगे। इस दौरान करन जोशी, विनायक वर्मा समेत अन्य सदस्य रहे।

ठड के बीच भराणीसैण विधानसभा पहुंचकर मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति  के युवाओं ने विधायकों को दिया संदेश।

वहीं, मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी और सह संयोजक लुशून टोडरिया समेत टीम के अन्य सदस्यों ने भराड़ीसैंण विधानसभा पहुंचकर प्रदेश के विधायकों को संदेश दिया। इस दौरान युवाओं ने कहा कि जब नेता वोट मांगने जाते हैं तब उन्हें ठंड क्यों नहीं लगती। जो नेता ठंड का हवाला दे रहे हैं आज उन्होंने पहाड़ में रहना भी छोड़ दिया है, ऐसे में पहाड़ का विकास कैसे होगा? दूसरी तरफ सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 न देकर राज्य के मूल निवासियों का हक छीनने का काम किया जा रहा है।

आप नेता रविंद्र आनंद ने  कुछ ऐसे विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।

वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र आनंद ने भी सोमवार को अनोखे अंदाज में विरोध जताया था। आप नेता ने कपड़े उतारकर विधानसभा के गेट पर पहुंच गए और आइसक्रीम खाने लगे। इस दौरान आप नेता ने सरकार पर गैरसैंण सहित अन्य पर्वतीय जिलों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। जिसके बाद आप नेता रविंद्र आनंद को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया। रविंद्र आनंद ने कहा कि वे पहाड़ी हैं और पहाड़ी को ठंड नहीं लगती। विधानसभा सत्र गैरसैंण में न कराए जाने के लिए विधायकों और मंत्रियों ने ठंड का बहाना बनाया।

बताते चलें कि उत्तराखंड में बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में कराने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पहल शुरू की थी। पूर्व में बजट सत्र गैरसैंण आहूत भी किया गया, लेकिन इस बार अधिकांश विधायक गैरसैंण में सत्र कराने के पक्ष में नहीं थे। अधिकांश विधायकों ने गैरसैंण में ठंड अधिक होने, पुलिसकर्मियों सहित अन्य लोगों के लिए इस ठंड में कार्य करने और उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने का हवाला देते हुए सत्र देहरादून में ही कराए जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। कांग्रेस विधायक भी सत्र देहरादून में ही कराए जाने के पक्षधर थे। कुछ विधायकों ने गैरसैंण में सत्र कराने की बात कही थी, लेकिन सबको अनसुना करते हुए देहरादून में बजट सत्र कराने का फैसला लिया गया।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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