उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव के बाद अब शहर की ‘सरकार’ बनाने हो जाइए तैयार, नगर निकाय चुनाव कब होंगे ? आई ये बड़ी अपडेट

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद अब प्रदेश में निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। निकाय चुनाव जून के आखिरी हफ्ते में होने के आसार हैं।

 

हाईकोर्ट  नैनीताल में नगर निकायों के चुनाव कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। पूर्व में निर्धारित समयावधि छह माह के भीतर नगर निकाय की चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

हाईकोर्ट के आदेश 9 जनवरी 2024 के अनुसार, महाधिवक्ता ने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया छह माह के भीतर पूरी हो जाएगी और निकायों में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल उत्तराखंड नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 10 ए (4) के तहत छह माह की अवधि से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा।

महाधिवक्ता की ओर से स्थिति साफ करने के बाद मुख्य न्यायाधीश रितू बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।

चुनाव में देरी को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे केस में अगली सुनवाई मई पहले हफ्ते तक होनी है जिसमें सरकार को चुनावी तैयारी पेश करनी है।

 

शहरी विकास विभाग अब एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सभी स्तर पर ओबीसी आरक्षण बढ़ाने को ऐक्ट में संशोधन की तैयारी कर रहा है। इसके बाद नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका में वार्ड वार आरक्षण घोषित हो सकेगा।

आरक्षण प्रक्रिया जून पहले हफ्ते तक पूरी होने के आसार हैं। इसके बाद शासन निर्वाचन आयोग को चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर सहमति दे सकता है। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग 93 निकायों की वोटर लिस्ट भी तैयार कर चुका है।

राज्य में संभावित आरक्षण की स्थिति कुछ इस तरह है

नगर निगम मेयर

कुल पद 09 (एससी – 01, एसटी 00, ओबीसी 02, सामान्य – 06)

पार्षद 640 (एससी – 60, एसटी 01, ओबीसी 82, सामान्य 317)

नगर पालिका अध्यक्ष

कुल पद 41 (एससी 06, एसटी 01, ओबीसी 12, सामान्य 22)

सदस्य 471 (एससी – 67, एसटी 08, सामान्य 294, ओबीसी 102)

नगर पंचायत अध्यक्ष

कुल पद 45 (एससी 06, एसटी 00, ओबीसी 16, सामान्य 23)

सदस्य 302 (एससी – 42, एसटी 02, सामान्य 204, ओबीसी 54)

 

बताते चलें कि जसपुर निवासी मोहम्मद अनीस ने निकाय चुनाव कराने को लेकर और नैनीताल निवासी राजीव लोचन साह ने निकायों में प्रशासक की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए सरकार के निर्णय को निरस्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।

उन्होंने कहा कि पहली दिसंबर 2023 को नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होते ही प्रशासकों की नियुक्ति संबंधी शासनादेश 30 नवंबर को जारी किया गया था। सरकार निकाय चुनाव कराने में टालमटोली कर रही है।

दरअसल, निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद दो दिसंबर से आगामी छह माह यानी दो जून तक इनमें प्रशासक तैनात हैं। जिलाधिकारियों के स्तर से भी नगर निकायों की जिम्मेदारियां देखी जा रही हैं। एडीएम स्तर तक के अधिकारी छोटे निकायों में प्रशासक की भूमिका में हैं।

 

इधर, नगर निकाय चुनाव को लेकर स्थिति साफ होने के बाद अब एक बार फिर शहर की सरकार चुनने के लिए जनता तैयार है। वहीं, हल्द्वानी में भी मेयर और पार्षद पद के संभावित प्रत्याशियों ने भी चुनाव के मैदान में उतरने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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