उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 52 लोगों की गई जान, सरकारी इंतजाम धड़ाम

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देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा के प्रति साल दर साल देश दुनिया के लोगों का लगाव बढ़ता ही जा रहा है। नतीजा यह है कि चार धाम यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो जा रही है। वैसे रील, वीडियो बनाने वालों की तादाद के सामने श्रद्धालु कम ही नजर आ रहे हैं।

इस बीच चारधाम यात्रा मार्ग में अव्यवस्था की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनी तो राज्य सरकार फिर से एक्शन मोड में नजर आई।

जिसके बाद वीआईपी दर्शन पर रोक और बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा की अनुमति न देने के आदेश सामने आए। मंदिर परिसर के 50 मीटर की दूरी पर वीडियो बनाने पर भी रोक का सरकारी फरमान आया। रजिस्ट्रेशन के दौरान यात्रियों के स्वास्थ परीक्षण की रिपोर्ट भी देनी होती है। लेकिन यह नियम भी बाकी नियमों की तरह खोखला ही साबित होता है।

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यात्रा से पूर्व कहा था कि चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य विभाग द्वारा जगह-जगह पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। विशेष तौर से 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। लेकिन यह फरमान भी पूरी तरह से अमल नहीं हो पाया।

नतीजा यह रहता है कि हर साल की तरह इस साल भी चार धामों के दर्शन के दौरान कई यात्री प्रतिकूल मौसम और पर्यावरणीय बदलाव को झेल नहीं पाए और यात्रा के दौरान ही उनकी जान चले जाती है।

चारधाम यात्रा 2024 के दौरान अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें बदरीनाथ में 14, केदारनाथ में 23, गंगोत्री में 03 और यमुनोत्री में 12 श्रद्धालुओं की जान गई है।

चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की जान जाने का प्रमुख कारण हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द, बेचैनी और दिल का दौरा पड़ना रहा है।

केरल के तिरुवनंतपुरम से चार महिलाएं और दो पुरुष दर्शन करने के लिए बदरीनाथ आए हुए थे। बुधवार को श्रीनिवासन (63) की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। सीएमओ डॉ. राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की है।

इसके बाद परिजन शव को विष्णुप्रयाग लेकर आए, लेकिन उनके पास अंतिम संस्कार के लिए कोई सामान नहीं था। इस पर उन्होंने नगर पालिका जोशीमठ से मदद मांगी, तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया। अब तक बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आए आठ श्रद्धालुओं की हृदयगति रुकने से मौत हो चुकी है।

वहीं बृहस्पतिवार को गोविंदघाट से घांघरिया जा रहे हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पंजाब के यात्री जसविंद्र सिंह (60) निवासी लुधियाना की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को विधिविधान से खुल गए हैं।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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