अटूट आस्थाः हल्द्वानी के पास घने जंगलों के बीच विराजती हैं मां काली, 200 साल पुराना है मां का सिद्धपीठ

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Haldwani News: Maa Kali resides amidst dense forests: Siddhapeeth of Maa Kali is 200 years old: हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। देवभूमि उत्तराखंड में प्रकृति और परमेश्वर का अनूठा संगम है। यही वजह है कि देवों की यह भूमि देश-दुनिया के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में मां काली को समर्पित कालीचौड़ मंदिर अटूट आस्था का केंद्र है।

खास बात यह है कि मां काली का यह मंदिर घने हरे भरे जंगल के बीच स्थित है। यूं तो सालभर कालीचौड़ मंदिर में श्रद्दालुओं के आने का सिलसिला रहता है लेकिन नवरात्रि और शिवरात्रि पर मां के इस धाम की छटा देखते ही बनती है। घने जंगलों के बीच बसा मां काली का मंदिर भक्तों में नई ऊर्जा का संचार करता है।

 

कहा जाता है कि करीब 200 साल पहले कोलकाता निवासी बंगाली बाबा को स्वप्न हुआ कि मां काली ने हल्द्वानी के निकट गौलापार क्षेत्र के जंगलों में अवतार लिया है। जिसके बाद बंगाली बाबा कोलकाता से यहां पहुंचे और उन्होंने एक बड़े पेड़ के नीचे मां काली की मूर्ति के स्वरूप को देखा। जिसके बाद बंगाली बाबा ने मां काली के इस मंदिर की स्थापना की और यहां साधना स्थल का निर्माण किया। ऐसा भी कहा जाता है कि मां की मूर्ति जमीन से खोदकर निकाली गई।

क्षेत्र के उम्रदराज लोग बताते हैं कि मां काली की महिमा के चलते यहां कई सिद्ध साधु-संतों ने तपस्या की। शुरुआती दौर में श्रद्धालु यहां पेड़ के नीचे मां काली के दर्शन करते थे लेकिन कुछ समय बाद मां के भव्य मंदिर का निर्माण हो गया।

मान्यता है कि मां काली के इस धाम में सच्चे मन से प्रार्थना लेकर आने वाले भक्तों की मुराद कभी बेकार नहीं जाती। मां काली अपने भक्तों के साथ न्याय जरुर करती हैं। यही वजह है कि मां काली के इस धाम की ख्याति हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों के अलावा यूपी, दिल्ली, बंगाल समेत कई अन्य राज्यों तक भी है।

कैसे पहुंचे कालीचौड़ मंदिर

हल्द्वानी से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित कालीचौड़ मंदिर के लिए सड़क और हवाई मार्ग से आसानी से आया जा सकता है। आप यहां हल्दवानी और काठगोदाम दोनों रास्तों से सहजता के साथ पहुंच सकते हैं।  हल्द्वानी या काठगोदाम तक आप ट्रेन के माध्यम से आ जाएंगे। उत्तराखंड रोडवेज की बसें दिल्ली, लखनऊ जैसे शहरों से हल्द्वानी के लिए संचालित होती हैं।

इसके अलावा यूपी रोडवेज की बसें भी हल्दवानी आती हैं। वहीं, हल्द्वानी के निकट स्थित पंतनगर एयरपोर्ट तक दिल्ली से हवाई यात्रा के द्वारा आया जा सकता है। पंतनगर से बस या ऑटो से हल्द्वानी आ सकते हैं। हल्द्वानी आकर आप ऑटो की मदद से मां काली के धाम तक आसानी से पहुंच सकते हैं। निवेदन इतना ही है कि मां के इस धाम में जब भी आएं तो धाम की मर्यादा का ख्याल तो रखें ही साथ ही वन संपदा का भी सम्मान करें।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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