रुद्रप्रयाग, प्रेस 15 न्यूज। देवभूमि के पावन चारधामों में शुक्रवार को दीपोत्सव का पर्व भक्तिमय माहौल में मनाया गया। इस दौरान देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भगवत कृपा प्राप्त की। उत्तराखंड में अधिकतर परिवारों ने शुक्रवार को ही महालक्ष्मी पूजन किया। एक बार फिर उत्तराखंड के जाने माने पंचांगों और ज्योतिषाचार्यों के मत का सम्मान हुआ।
गंगोत्री, यमुनोत्री, श्री बद्रीनाथ और बाबा केदार के धाम केदारनाथ में श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में दीप जलाए। बद्रीनाथ धाम में विधि विधान के साथ महालक्ष्मी, कुबेर जी और फिर भगवान बदरीनाथ के खजाने का पूजन किया गया।
चारों धामों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से देर शाम तक श्रद्धालुओं को पावन धामों में स्वर्ग का एहसास हुआ।
बद्रीनाथ धाम में मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी ने शाम पांच बजे के बाद प्रदोष काल में पूजा संपन्न हुई। इस दौरान धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर उपाध्याय, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट,वेदपाठी रविंद्र भट्ट आदि शामिल रहे।
केदारनाथ धाम में महालक्ष्मी पूजन के लिए 10 क्विंटल फूलों के साथ ही 1100 दीयों से सजाया गया है। इस दौरान बाबा का धाम दीयों की रोशनी से जगमग हो गया। बाबा केदार की सांयकालीन पूजा व आरती के बाद महालक्ष्मी पूजन शुरू हुआ।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चारों धामों में सदियों से चली आ रही परंपराओं के अनुसार दीपोत्सव मनाया गया।
बताते चलें कि केदारनाथ धाम में शीतकाल के लिए मन्दिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।परंपराओं के अनुरूप मंदिर के गर्भगृह से हक हकूकधारियों ने भगवान केदारनाथ का छत्र निकाला। आगामी 3 नवंबर को केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे ।