हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच अटूट आस्था का केंद्र है ये मंदिर, यहां गुड़ की भेली चढ़ाना नहीं भूलते लोग

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Haldwani News: Center of Faith: Kaladhungi Crossing: Kalu Siddha Temple: हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है। यही वजह है कि इसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच स्थित कालाढूंगी चौराहे पर बना कालू सिद्ध बाबा का मंदिर भी अपार आस्था का केंद्र है। यहां हर रोज सुबह से देर शाम तक हजारों लोग शीश नवाते हैं। कालू सिद्ध बाबा को कालू साई नाम से भी जाना जाता है। किसी भी शुभ कार्य से पहले क्षेत्र के लोग कालू सिद्ध बाबा के दरबार में आकर आशीर्वाद मांगते हैं।

कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में प्रसाद के तौर पर गुड़ की भेली चढ़ाने का रिवाज है। मान्यता है कि मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ाने से जीवन के कष्ट तो दूर होते ही हैं, साथ ही मनोकामना भी पूरी होती है। यही वजह है कि मनोकामना पूरी होने पर लोग मंदिर में घंटियां भी चढ़ाते हैं। लोगों के बीच यह मान्यता है कि कालू सिद्ध बाबा हल्द्वानी के रक्षक हैं। मंदिर के भीतर कई देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं। इतना ही नहीं मंदिर में विराजमान शनिदेव की प्रतिमा पर हर शनिवार को भक्त तेल भी चढ़ाते हैं।

बताया जाता है कि कालू सिद्ध बाबा का मंदिर ब्रिटिश हुकूमत के वक्त से अस्तित्व में है। स्थानीय लोग बताते हैं कि दशकों पहले जब हल्दवानी शहर में लोगों के बसने का सिलसिला शुरू हुआ तब कालू सिद्ध मंदिर ही पहाड़ और मैदान के लोगों के मेलमिलाप का केंद्र हुआ करता था। पहाड़ के लोग जब हल्दवानी खरीदारी के आते थे तो गुड़ की भेली भी जरुर ले जाते थे। ऐसे में शहर के बीचों बीच स्थित इस मंदिर में प्रसाद के तौर पर गुड़ चढ़ाने का रिवाज शुरू हो गया। यह भी कहा जाता है कि पहले यहां मुस्लिम समुदाय के लोग भी मन्नतें लेकर आया करते थे, लेकिन जब से यहां भजन कीर्तन होने लगे और सनातन धर्म के लोगों की सक्रियता बढ़ी तो उन्होंने यहां आना छोड़ दिया। यही वजह है कि आज भी लोगों की अपार श्रद्धा और विश्वास कालू सिद्ध बाबा के इस मंदिर पर बना हुआ है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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