नैनीताल का एक गांव ऐसा: यहां जिंदगी बचाने को जिंदगी दांव पर लगाने की मजबूरी

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। यह खबर शासन प्रशासन के उन अधिकारियों को सामान्य लग सकती है जो लंबे समय से कुर्सियों में जमकर यह सोचने के आदी हो चुके हैं कि पहाड़ के लोग विषम परिस्थितियों में रहने के एक्सपर्ट हैं, इसलिए यहां विकास करने की जहमत क्यों उठाई जाए। जो अगर ऐसा नहीं तो बार बार डोली में बैठकर जिंदगी बचाने को जिंदगी दांव पर लगाती तस्वीरें सामने नहीं आती।

पर्यटन के नाम पर नैनीताल जिले की चमकती तस्वीर के पीछे की स्याह तस्वीर से आज हम आपको रुबरु करवा रहे हैं। ग्रामीणों की भी इतनी सी गुजारिश है कि काश ! इस खबर को देखने और पढ़ने के बाद नैनीताल जिले के सिस्टम में बैठा कोई तो जिम्मेदार उनकी सुध लेगा।

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नैनीताल के एक गांव से आत्मा को झकझोर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें ग्रामीण एक बीमार महिला को डोली में उफनती नदी पार करते दिख रहे हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नदी पार करने में केवल बीमार महिला की नहीं बल्कि डोली पकड़ने वाले सभी 6 लोगों की जान को भी भारी खतरा है।

नैनीताल जिले में भीमताल के मलुवाताल स्थित कसैला तोक की रहने वाली बीमार महिला गंगा देवी को आज डोली के सहारे नजदीकी मोटर मार्ग तक पहुंचाया गया। ग्रामीण बीमार गंगा देवी को पहले डोली में घर से नदी तक लाए और फिर उन्होंने अपनी जान पर खेलकर गौला नदी पर कराई।

ये वीडियो देखकर हर देखने वाले के शरीर में सिहरन पैदा हो गई। बरसातों के दौरान उफनती नदी को पैदल भारी डोली लेकर पार करना एक जानलेवा चुनौती से कम नहीं थी। कई किलोमीटर पैदल चलकर ये ग्रामीण गंगा देवी को लेकर मोटर मार्ग तक पहुंचे, लेकिन तब तक इनके शरीर के हाल बिगड़ गए।

ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति करने वाले मनोज शर्मा और पूर्व ग्राम प्रधान दयाकिशन बेलवाल ने बताया कि गांव में किसी की भी अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें डोली के सहारे नदी पार पैदल मुख्य मोटरमार्ग तक पहुंचाया जाता है। कई बार तो तत्काल ईलाज नहीं मिलने के कारण प्रसव पीड़ित महिला या अन्य बीमार मौत या गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं।

मनोज के अनुसार, वो लंबे समय से शासन प्रशासन सरकार से मोटर मार्ग की मांग करते आ रहे हैं। भटेलिया-अमदौ-दुदुली मोटर मार्ग के निर्माण की मांग का प्रस्ताव रखा गया है। बताया कि ये क्षेत्र बेहद ही उपजाऊ है और यहां मोटर आने से काश्तकारों के उत्पाद मंडी तक पहुंच जाएंगे। यहां, छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए नजदीकी शहरों का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।

(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️)

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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