उत्तराखंड में भाजपा के इस पूर्व विधायक को लगता है कि दुष्कर्म के लिए महिलाओं के कपड़े हैं जिम्मेदार

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काशीपुर, प्रेस 15 न्यूज। भाजपा के पूर्व विधायक जी, किस दुनिया में जी रहे हैं आप? आपको लगता है कि पाश्चात्य संस्कृति के कपड़े पहनने की वजह से बहन बेटियों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं।

तो फिर बताइए छह महीने, दो साल, तीन साल की अबोध बच्चियों और 60 साल, 70 साल उम्र वाली बुजुर्ग माताएं, कौन से पाश्चात्य संस्कृति के कपड़े पहनती हैं जो उनके साथ मनोविकारी यह राक्षसी करतूत को अंजाम देते हैं।

अगर इतनी ही चिंता आपको बहन बेटियों की है तो कहिए देश और प्रदेश में सत्ता में बैठी अपनी पार्टी की सरकारों से कि पहले महिलाओं को भोग की वस्तु बनाने वाले विज्ञापन, फिल्म, वीडियो और वेब सीरीज पर प्रतिबंध लगाए और देश में सनातन संस्कृति की परंपरा वाले स्कूल कॉलेजों की स्थापना करे ताकि ताकि नारी को भगवान मानने वाले देश में संस्कारवान मन मस्तिष्क में पैदा हो सकें।

भाजपा के पूर्व विधायक जी क्या आपने कभी अपने जेब में मौजूद स्मार्टफोन के भीतर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म में नजरें घुमाई हैं?

आज अश्लीलता के गढ़ बन चुके सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, ट्विटर (X), इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर वो सारी सामग्री मौजूद है जो किसी भी मनोविकारी के लिए टॉनिक से कम नहीं।

अगर प्रतिबंध ही लगाना है तो बेटियों और महिलाओं के कपड़ों के बजाय अपनी भाजपा की केंद्र सरकार से कहिए कि वो सोशल मीडिया के इन विभिन्न मंचों में फैली महिला अश्लीलता के कंटेंट पर प्रतिबंध लगाए।

आज शॉर्टकट में पैसा कमाने के लिए छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र की महिलाएं सोशल मीडिया में हद पार कर ऐसी ऐसी वीडियो, रील बना रही हैं जो कहीं न कहीं महिलाओं को केवल और केवल भोग का एक सामान जता रही हैं।

और हर उम्र के लोग इन अश्लील वीडियो के दर्शक हैं। हो भी क्यों न, जब सामने से कोई अपने शरीर को दिखाने को बेताब है तो आप कैसे सामने वाले से ये उम्मीद करेंगे कि वो अपनी आंखें बंद कर ले और जब यही वीडीओ किसी मनोविकारी तक पहुंचते हैं तो फिर वो अबोध बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक से दुष्कर्म करने से पीछे नहीं हटता।

रही बात घर परिवार की तो बेटा बेटी में फर्क जब तक रहेगा, बेटियों को कमजोर और बेटों को अवतार समझने वाली सोच जब तक मां बाप और परिवार के दिमाग में रहेगी तब तक बेटियां कैसे मजबूत बनेंगी? इसलिए मां बाप को भी बेटा- बेटी दोनों को एक समान पालना और भारतीय सनातन संस्कार देने की जरूरत है।

वहीं, देश की चुनी हुई सरकारें और पुलिस का कानून जब तक महिला अपराध में शामिल लोगों को सख्त से सख्त सजा देना सुनिश्चित नहीं करेंगी, तब तक इस मनोविकारी सोच का दमन नहीं हो सकता।

आपको बता दें कि काशीपुर में भाजपा के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलों में विवादित और बेतुका बयान दिया है।

पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने दुष्कर्म की बढ़ रही घटनाओं के पीछे महिलाओं के पहनावे को जिम्मेदार ठहराया है।

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने महिलाओं व छात्राओं के प्रति बढ़ रही घृणित सोच को भारतीय संस्कृति के विपरीत बताया।

उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के बढ़ने के पीछे कहीं न कहीं महिलाओं द्वारा पश्चिमी सभ्यता का पहनावा जिम्मेदार है। जबकि महिलाओं को हमारे देश की संस्कृति व सभ्यता के अनुरूप वस्त्र धारण करना चाहिए।

साथ ही उन्होंने इसके लिए अभिभावकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, कि उन्हें अपने परिवार की महिलाओं व बालिकाओं को भारतीय संस्कृति के मुताबिक वस्त्र धारण कराना चाहिए।

पूर्व विधायक ने स्कूल प्रबंधकों से भी अपील करते हुए कहा कि वह छात्राओं की पोशाक में भारतीय संस्कृति के अनुरूप परिवर्तन लाए। साथ ही समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में आगे आना चाहिए, तभी इस घृणित करतूत की घटनाओं में कमी आ सकती है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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