हल्द्वानी के ये 02 प्राइवेट अस्पताल जब धामी सरकार को चूना लगाने से नहीं चूके तो आम मरीज का क्या हाल करते होंगे

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। अगर आप हल्द्वानी में रहते हैं या फिर पहाड़ के किसी भी गांव से ताल्लुक रखते हों, कभी न कभी आपका पाला ऐसी स्थिति से पड़ा ही होगा जब आपका कोई अपना या परिचित व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी या दूसरे उपचार के लिए किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुआ हो।

मरीजों की इस दुख की घड़ी में अपना सुख ढूंढने वाले अधिकतर प्राइवेट अस्पतालों में दवा और इलाज के नाम पर मनमाना चार्ज लेने का खेल भी आपने देखा होगा।

ऐसे में अगर आपने मरीज के उपचार के लिए प्राइवेट स्वास्थ बीमा कार्ड, ईएसआई या आयुष्मान कार्ड लगाया हो तब तो दवा और इलाज के नाम पर पैसे बनाने का यह गोल्डन चांस प्राइवेट अस्पताल कभी नहीं चूकते।

लेकिन इस बार उत्तराखंड के प्राइवेट अस्पतालों की लूट का यह खेल बेपर्दा हो गया। हल्द्वानी के नैनीताल रोड स्थित बृजलाल अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर प्राइवेट लिमिटेड और रामपुर रोड स्थित बालाजी अस्पताल समेत उत्तराखंड के 10 प्राइवेट अस्पतालों का ईएसआई योजना में भ्रष्ट्राचार का खेल पकड़ा गया है। ये सभी 10 प्राइवेट अस्पताल मरीजों के उपचार में चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों और बिलों में गड़बड़ी कर रहे थे।

कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक दीप्ति सिंह ने आदेश जारी कर फर्जीवाड़ा कर रहे इन 10 अस्पतालों को अधिकृत सूची से हटा दिया है। सभी अस्पतालों को पक्ष रखने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

फिलहाल इन सभी 10 अस्पतालों में पूर्व से चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रहे भर्ती मरीजों का उपचार यथावत जारी रहेगा।

बताते चलें कि निदेशालय, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवाएं, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत आच्छादित बीमांकितों एवं उनके आश्रितों को द्वितीयक स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान कराए जाने के उद्देश्य से नगद रहित योजना के तहत निर्धारित नियम एवं शर्तों के अधीन प्राइवेट अस्पतालों को अनुबन्धित किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुबन्धित प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा यूटीआई पोर्टल पर जमा किए गए देयकों की समीक्षा के दौरान पकड़ में आया कि 10 अनुबन्धित प्राइवेट अस्पतालों से प्राप्त चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों में भर्ती के मामलों में आने वाले उपचार का व्यय सामान्य से कहीं अधिक है।

समझा जा सकता है कि सरकार को चूना लगा रहे इन प्राइवेट अस्पतालों के हौंसले कितने बुलंद हैं।
ऐसे में आप सोच ही सकते हैं कि जो अस्पताल सरकारी रकम दबाने में इतने शातिर हों वो अपने यहां भर्ती सामान्य मरीज और उसके तीमारदार के साथ कैसी लूट मचाते होंगे।

अब देखना होगा कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना में घोटाला करने वाले इन अस्पतालों के खिलाफ जांच कहां तक पहुंचती है। केवल नाम का खुलासा होने तक ही कार्रवाई सीमित रहती है या फिर इन लुटेरे अस्पतालों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कोई सख्त एक्शन भी लिया जाता है, इस पर उत्तराखंडवासियों की नजरें टिकी हैं।

ये है धामी सरकार को चूना लगाने वाले और ईएसआई में गड़बड़ी करने वाले उत्तराखंड के प्राइवेट अस्पतालों के नाम

1- बृजलाल अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर प्रा.लि., हल्द्वानी, नैनीताल।
2- बालाजी अस्पताल, हल्द्वानी, नैनीताल।
3- रैंकर्स अस्पताल, सलीमपुर बाईपास रोड़, हरिद्वार।
4- मेडिकेयर अस्पताल, चकराता रोड़, सेलाकुई, देहरादून।
5- कृष्णा मेडिकल सेंटर, 22, इंदर रोड़, डालनवाला, देहरादून।
6- मैट्रो हॉस्पिटल एवं हार्ट इन्सीटयूट, (ए यूनिट ऑफ सनहिल प्रा०लि०), हरिद्वार।
7- अनमोल अस्पताल, काशीपुर, उधम सिंह नगर।
8- वेलनगिरी हिल्स नर्सिंग होम, हरिद्वार रोड़, रूड़की, हरिद्वार।
9- श्री कृष्णा अस्पताल, गिरीताल, काशीपुर, उधमसिंहनगर।
10- के.वी.आर. हास्पिटल, रिलाइंस पैट्रोल पम्प, काशीपुर, उधमसिंहनगर।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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