

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी में सड़क चौड़ीकरण का कार्य लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। मंगलपड़ाव से ओके होटल तक इन दिनों दुकानदार सड़क के मध्य बिंदु से 12 मीटर सड़क के मुताबिक निर्माण कर रहे हैं तो कुछ दुकानदार नियम को ताक पर रखने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
ऐसे में शहर में चर्चा है कि आखिर इन दुकानदारों ने किसकी शह पर सड़क चौड़ीकरण के नियम को ताक पर रखा है।
सोमवार को अपर जिलाधिकारी विवेक राय और नगर निगम की टीम ने सड़क चौड़ीकरण के संबंध में निरीक्षण किया। जिसमें 12 मीटर सड़क के मध्य बिन्दु से दोनों तरफ चौड़ीकरण में चिह्नित और स्वयं से किए गए भवनों की माप की गई।
श्रीकालू सिद्ध मंदिर के निकट बिजली विभाग के दफ्तर के ठीक बगल में बनी दुकानों पर 12 मीटर चौड़ी सड़क का नियम लागू नहीं हो रहा है। यहां सड़क किनारे बनी चार दुकानें करीब डेढ़ फिट आगे बनी दिख रही हैं। दुकानों द्वारा नियमों की तिलांजलि का यह नजारा देखना हो तो बगल में सरस मार्केट की चहारदीवारी से समझा जा सकता है।

अब 12 मीटर के नियम को ताक पर रखकर इन दुकानों को यह छूट क्यों मिली है, यह तो जांच का विषय है।
हैरानी की बात यह है कि इन चार दुकानों के ऊपर दोमंजिले में भी चार दुकानें बनी हैं जिन्होंने करीब सात महीने पहले ही 12 मीटर के हिसाब से अपनी दुकानें व्यवस्थित कर लीं। लेकिन नीचे चार दुकानों में 12 मीटर की सड़क का नियम ताक पर रख दिया गया।
ये दुकानें अब भी करीब डेढ़ फिट बाहर हैं। इतना ही नहीं इस वजह से नाली को भी मोड दिया गया है। नाली मुड़ने से यहां कूड़ा रुकने और बरसात में ओवरफ्लो होने का खतरा भी बन गया है। अब इस नाली की ऊपर पटाल भी बिछा दिया गया है।

एक अहम बात ये भी कि नाली के ऊपर पाटल रखने के दौरान नालियों की सफाई तक नहीं की गई। कूड़े के ढेर का ढेर इन नलियों में फंसा है। ऐसे में आने वाली बरसात में इस नाली में कूड़ा फंसने और ओवरफ्लो होकर सड़क पर बिखेरने के पूरे आसार हैं।
इतना ही नहीं महिला अस्पताल और सिंधी स्वीट हाउस, नानक स्वीट हाउस के सामने भी कुछ यही हाल है। यहां भी कुछ दुकानों ने 12 मीटर के नियम को ताक पर रखा है।
अब प्रशासन और नगर निगम की टीम 12 मीटर सड़क के नियम को ताक पर रखने वाली इन दुकानों पर कब कार्रवाई करती है, यह बड़ी बात है।
हालाकि आज प्रशासन की टीम ने जिन दुकान मालिकों ने चिह्नित भवन निर्माण नहीं किया, उनको शीघ्र हटाने के निर्देश दिए। साथ ही जिन्होंने ध्वस्तीकरण नहीं किया, उन भवनों का पुन: चिन्हिकरण कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।



