समाधान की आस में 6 गहरे दर्द लेकर सीएम धामी से मिले महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल के पदाधिकारी

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हल्द्वानी/ देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। लंबे समय से शासन प्रशासन की उपेक्षा और उत्पीड़न का दंश झेल रहे कुमाऊं के परिवहन व्यवसायियों के सब्र का बांध अब टूटने की कगार पर है।

इस बीच शुक्रवार को टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण जागी जब महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल के पदाधिकारियों ने राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर पीड़ा जाहिर की। अच्छी बात यह रही कि मुख्यमंत्री ने टैक्सी व्यवसायियों की मांगों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया और जल्द समाधान का भरोसा दिया।

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इस दौरान यूनियन के अध्यक्ष ठाकुर सिंह बिष्ट और वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज भट्ट को रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल का साथ भी मिला। विधायक ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि आज कुमाऊं के लाखों टैक्सी कारोबार से जुड़े परिवार बड़ी उम्मीद से उनकी तरफ देख रहे हैं। ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर टैक्सी यूनियन की मांगों का समाधान होना चाहिए।

इस दौरान महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष ठाकुर सिंह बिष्ट और वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज भट्ट ने सीएम धामी को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें सिलसिलेवार अपनी मांगों को रखकर समाधान की मांग की। कहा कि शासन प्रशासन द्वारा लगातार टैक्सी व्यवसायियों का किसी ना किसी रूप मे उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसका अब अंत होना चाहिए।

ये हैं महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल की छह प्रमुख मांगें जिन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया समाधान का भरोसा 👇🔴

1 – माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2017 के पश्चात के पंजीकृत व्यवसायिक वाहनों को नैनीताल शहर के भीतर प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है जिसे सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायलय में हमारा पक्ष रख कर पैरवी की जाय या भारत वर्ष के समस्त वाहनों का नैनीताल शहर के भीतर प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाए।

2 – आपके ( मुख्यमंत्री) द्वारा जारी आदेश के अनुसार भी परिवहन विभाग सामान्य फिटनेस प्रारम्भ करने में असमर्थ है तथा 15 वर्ष पुराने वाहनों की फिटनेस शुल्क को पूर्व की भांति अधिकतम शुल्क वसूला जा रहा है।

3 – शासन को अनेक बार ब्ला-ब्ला ऐप को बंद करने हेतु पत्र दिया गया परन्तु सरकार इसमें विफल रही जिस कारण इस ऐप के माध्यम से अधिकांश सरकारी नौकरी पेशा व्यक्ति भी अपने निजी वाहन में सवारियों का दोहन कर रहा है जिससे सीधा असर व्यावसायिक वाहनों के साथ टैक्स चोरी के रूप मे सरकार को चपत लग रही है।

4 – समस्त परिवहन अधिकारियों में एक होड़ सी लगी है कि छोटी से छोटी गलतियाँ निकाल कर भारी भरकम चालानी प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। कुछ पूछने पर कहा जाता है कि शासन का आदेश का हवाला देकर मनमानी की जा रही है।

5 – शासन द्वारा व्यवसायिक वाहनों में वर्ष 2019/1 अप्रैल से जीपीएस को अनिवार्य किया गया परन्तु शासन द्वारा अधिकृत जीपीएस केंद्र आज की तिथि में नदारद है जिस कारण वाहन स्वामी को हर वर्ष अधिक धन देकर नया जीपीएस लगाना काफी महंगा पढ़ रहा है इस पर तत्काल कार्यवाही की जाए।

6- राज्य परिवहन प्राधिकरण में समस्त भारत वर्ष के परमिट नवीनीकरण का अधिकार संभागीय परिवहन कार्यालयों को अधिकार दिये जाये जिससे दुरस्त आंचलो से आने वाले व्यवसाईयों को सुविधा मिल सके।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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