
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट पार्क में जिप्सी संचालन के नए पंजीकरण में स्थानीय वाहन स्वामियों को पार्क की लिस्ट में शामिल नहीं करने संबंधी जनहित याचिका में डायरेक्टर कॉर्बेट पार्क से पूछा है कि स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिप्सी पंजीकरण प्रकिया में नए जिप्सी संचालकों के लिए क्या मानक तय किए गए हैं ?
खंडपीठ ने 10 दिनों के भीतर इसकी विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि चक्षु करगेती, सावित्री अग्रवाल व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि कॉर्बेट पार्क में जिप्सी के लिए लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है उसमें सभी परमिट होल्डर जिनके पास वैलिड परमिट है और शर्तों को पूरा कर रहे हैं, प्रतिभाग कर सकते हैं।
इसके लिए चाहे वे पुराने परमिट धारक हो या नए, उन सब को लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है। लेकिन इसके विपरीत जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क द्वारा विशेष कैटेगरी की जिप्सी स्वामी को ही पंजीकृत किया जा रहा है और 2 वर्ष पुराने पंजीकृत जिप्सियों को प्रतिभाग नहीं करने दिया जा रहा है।
जबकि इन लोगों के पिछले वर्ष आरटीओ से परमिट प्राप्त किए हैं, साथ ही यह न्यायालय के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है। उनको इसमें प्रतिभाग न करने की वजह से ये जिप्सी संचालक बेरोजगार हो गए हैं।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️)









