चलो बुलावा आया है: 10 मई को अभिजीत मुहूर्त में खुलेंगे बाबा केदारनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री धाम के कपाट, श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराना बना चुनौती

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देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार 10 मई को सुबह 7 बजे खुलेंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर 10 मई 2024 को प्रातः 10:29 बजे खुलेंगे। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर शुक्रवार 10 मई अपराह्न 12:25 बजे खुलेंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि  चारधाम यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सरकार ने फिलहाल 25 मई तक सभी राज्यों से वीआईपी, वीवीआईपी को दर्शन के लिए न आने का अनुरोध किया है।

उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे श्रद्धा भाव से दर्शन करने आएं, सोशल मीडिया की रील बनाने से बचें। मंदिर समिति भविष्य में मोबाइल को प्रतिबंधित करने पर भी विचार कर रही है।

चार धामों की यात्रा शुरू होने से पहले रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा नए रिकॉर्ड बना रहा है। 15 अप्रैल से शुरू हुआ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अब जून महीने के लिए उपलब्ध है, क्योंकि मई महीना शुरू होते-होते ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा बुधवार को 22 लाख के पार चला गया है। इसी वजह से मई में बुकिंग फुल हो चुकी हैं।

यमुनोत्री के लिए तीन लाख 44 हजार 150, गंगोत्री के लिए तीन लाख 91 हजार 812, केदारनाथ के लिए सात लाख 60 हजार 254, बदरीनाथ के लिए छह लाख 58 हजार 486 और हेमकुंड साहिब के लिए 45 हजार 959 पंजीकरण हो चुके हैं। बुधवार को दिनभर में 59 हजार 804 पंजीकरण दर्ज किए गए हैं।

यह भी जान लीजिए कि इस बार बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी यात्री चारधाम दर्शन नहीं कर पाएंगे। लेकिन चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराना भी किसी जंग में जीतने से कम नहीं हो रहा है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के स्लॉट फुल होने के बाद अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए मारामारी मची हुई है।

यही वजह है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले तीर्थयात्री दलालों के चक्कर में पड़कर लुटने को मजबूर हो रहे हैं। कहीं न कहीं यह चारधाम यात्रा और उत्तराखंड की छवि के लिए बेहतर संकेत नहीं है।

कुल मिलाकर स्थिति साफ बता रही है कि चारधाम यात्रा के लिए देश दुनिया के श्रद्धालुओं का बढ़ता क्रेज उत्तराखंड के सरकारी तंत्र खासतौर पर पर्यटन विभाग से संभल नहीं पा रहा है।

चारधाम यात्रा में हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे महत्वपूर्ण स्थानों में प्रशासनिक अमले और तीर्थ यात्रियों की इस बेबसी को आसानी से देखा जा सकता है।

बात अगर चार धाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन की करें तो सबसे पहले तीर्थयात्री को उत्तराखंड पर्यटन विभाग निर्धारित वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर अपना ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन  कराना होगा।

चार धाम यात्रा की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाएं। इसके बाद रजिस्टर या लॉगिन बटन पर क्लिक करें। फिर अपना नाम, संपर्क नंबर, ईमेल आईडी समेत अन्य जानकारी भरें।

रजिस्ट्रेशन अपने मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के साथ पूरा करें। इसके बाद, एक नया डैशबोर्ड दिखाई देगा, जहां पर उस व्यक्ति के यात्रा की पूरी जानकारी जैसे यात्रा की तारीख, पर्यटकों की संख्या, तीर्थ स्थल आदि की जानकारी होगी।

रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक रजिस्ट्रेशन नंबर भेजा जाएगा। जिसके बाद आप चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

इसके अलावा पर्यटन विभाग के टोल फ्री नंबर 0135-1364 पर कॉल करके रजिस्ट्रेशन की सुविधा ले सकते हैं। इसके साथ ही touristcarerttarakhand मोबाइल एप से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

इसके अलावा इस बार केदारनाथ धाम के अलावा बद्रीनाथ धाम के लिए भी हेली सेवा शुरू की गई है। आलम यह है कि केदारनाथ धाम के टिकटों की बुकिंग 20 जून तक फुल हो चुकी है।

हेली सेवा की यह बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये की जा रही है। ठगी से बचने के लिए आधिकारिक वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in से ही टिकट बुक करने का निवेदन किया जा रहा है।

चारधाम यात्रा में आने वाले सभी तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु इस बार श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था लागू की गई है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे।

इसके लिए तीर्थयात्रियों को पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए रजिस्ट्रेशन काउंटर में अपना रजिस्ट्रेशन पत्र दिखाना होगा। इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन नंबर क्यूआर कोड से स्कैन करने के बाद तीर्थयात्रियों को एक टोकन दिया जाएगा। जिसमें बद्रीनाथ दर्शन का समय अंकित होगा।

तीर्थयात्री उसी निर्धारित समय पर मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर सकते है। जिससे उन्हें दर्शन के लिए पहले की भांति लाइन में नहीं लगाना पडेगा।

इसके अलावा, एक धाम की यात्रा तीन दिन, दो धाम की यात्रा पांच दिन, तीन धाम की यात्रा सात दिन और चारधाम की यात्रा के लिए 10 दिन की अवधि निर्धारित की गई है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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