
हल्द्वानी/उत्तरकाशी, प्रेस 15 न्यूज। अपनी जनसरोकारों की पत्रकारिता से उत्तरकाशी जिले में व्याप्त भ्रष्ट्राचार की पोल खोलने वाले 35 वर्षीय जांबाज वरिष्ठ पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की संदिग्ध मौत का राज अभी नहीं खुला है। ऐसे में पत्रकारों में शोक भी है, रोष भी है, साथ ही न्याय की मांग भी तेज हो गई है।
इसी क्रम में आज हल्द्वानी में पत्रकारों ने एकजुट होकर दिवंगत पत्रकार राजीव प्रताप सिंह के लिए न्याय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम ज्ञापन सौंपा। सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान के माध्यम से सीएम धामी को भेजे गए ज्ञापन में संदिग्ध मौत की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

बताते चलें कि उत्तरकाशी जिले में 18 सितंबर से लापता पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को एक बैराज से बरामद किया गया। राजीव प्रताप ‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नाम का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाते थे। इसके जरिये वह उत्तरकाशी के स्थानीय मुद्दों को उठाते थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मीडिया जगत के लोगों ने राजीव के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकार की मौत की गहन और निष्पक्ष जांच के आदेश भी दिए हैं।
राजीव प्रताप ने हाल ही में जिला अस्पताल की बदहाली पर एक वीडियो बनाया था। राजीव का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। राजीव के गुमशुदा होने के बाद उनकी पत्नी ने पत्रकारों को बताया था कि उनके पति को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। धमकियां देने वाले कहते थे कि वह इन वीडियो को डिलीट कर दें और इस वजह से राजीव परेशान रहते थे। पत्नी ने राजीव को खोजने की गुहार लगाई थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 18 सितंबर की रात को राजीव प्रताप अपने दोस्त सोबन सिंह की कार लेकर ज्ञानसू से गंगोरी के लिए गए थे। अगले दिन जब सुबह तक राजीव प्रताप वापस नहीं लौटे तो उनके दोस्त ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने उनकी तलाश में अभियान चलाया।
19 सितंबर को राजीव के दोस्त की कार भागीरथी नदी में मिली थी लेकिन उसमें राजीव प्रताप नहीं थे। इसके बाद उनके परिजनों ने पुलिस में राजीव के गुमशुदा होने की तहरीर दी थी। डीएम और एसपी के निर्देश पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तमाम सरकारी अमलों के लोग राजीव प्रताप की तलाश कर रहे थे। इस दौरान बीते रविवार को टीम को जोशियाड़ा बैराज में पत्रकार राजीव प्रताप का शव मिला।

