
सितारगंज/नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में जहां एक तरफ पंचायत चुनाव के पहले चरण यानी 24 जुलाई का प्रचार आज शाम से थम गया हो वहीं दूसरे चरण यानी 28 जुलाई के लिए चुनावी प्रचार पूरे रंग में है। इस बीच नामांकन निरस्त होने से परेशान प्रत्याशियों की बेचैनी भी बढ़ी हुई है।
उच्च न्यायालय ने सितारगंज क्षेत्र में प्रधान का चुनाव लड़ रहे बजेंद्र सिंह का नामांकन निरस्त करने संबंधी चुनौती याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें कोई राहत न देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है।

न्यायालय ने कहा कि चुनाव की तिथियां नजदीक हैं, इसलिए अब इसमें हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है।
आज एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग की तरफ से न्यायालय को अवगत कराया गया। आयोग ने कहा कि पूर्व के आदेशों के अनुपालन में अतिक्रमणकारियों की जांच कर सूची जारी की गई है। उसमें बजेंद्र सिंह सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने के दोषी पाए गए हैं।
इन्हें, मई में नोटिस जारी कर सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार नोटिस दिया गया। इस आधार पर उनका नामांकन रद्द किया गया।
बता दें कि सितारगंज क्षेत्र की ग्राम सभा से ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़ रहे बजेंद्र सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि वे ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रहे है। लेकिन उनका नामांकन आयोग ने इस आधार पर निरस्त कर दिया कि उन्होंने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है। जबकि उनके द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। जिस भूमि पर अतिक्रमण का उन्हें नोटिस दिया है उसपर वे कई वर्षों से काबिज हैं। अगर अतिक्रमण किया होता तो प्रशासन और सरकार चुनाव के समय क्यों जागती ? इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाय।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

