सर! उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल गर्व की बात लेकिन ‘खेला’ क्यों?

खबर शेयर करें -

देहरादून/ हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। इन दिनों उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों की धूम मची है। एक स्वर्ण पदक और छह कांस्य पदक के साथ उत्तराखंड पदक तालिका में 13वें स्थान पर है। हल्द्वानी, देहरादून के साथ साथ प्रदेश के दूसरे शहरों की सड़कों से लेकर दीवारें चमका दी गई हैं।

इधर, राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की टीमों से दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को मौका देने पर मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति ने कड़ा आक्रोश जताया है। इस सम्बंध में संघर्ष समिति ने देहरादून में विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिंहा से मुलाकात की और उनके माध्यम से खेल मंत्री रेखा आर्य को पत्र भेजा है।

मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि हम सभी के लिए बड़े गर्व का विषय है कि उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है, जिसके उद्घाटन समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी आए थे। राज्य में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है, इससे अपेक्षा थी कि राज्य के युवाओं और खिलाड़ियों को इस बड़े मंच पर प्रदर्शन और अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता और राज्य में खेलों को बढ़ावा मिलता।

लेकिन उत्तराखंड में चल रहे राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की टीमों में उत्तराखंड के युवाओं एवं खिलाड़ियों की उपेक्षा की जा रही है और दूसरे राज्यों से खिलाडियों को लाकर राज्य की टीमों से खिलाया जा रहा है।

मोहित डिमरी ने कहा कि खेल नियमों और निर्देशों में स्पष्ट है कि जो जिस राज्य का निवासी है वो वहीं की टीमों से खेलेगा, लेकिन उत्तराखंड में इसकी धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। हमारे राज्य के खिलाड़ी वर्षों मेहनत करते हैं कि उनको राष्ट्रीय खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा, लेकिन राज्य सरकार, अधिकारी और खेल संघ राज्य के खिलाडियों के साथ अन्याय करता है।

जब दूसरे राज्य के खिलाड़ी हमारे राज्य की टीमों से राष्ट्रीय टीम में खेलेंगे तो उन्हें खेलों से मिलने वाली धनराशि, सुविधाओं, प्रशस्ति पत्र एवं नौकरियों का लाभ भी मिलेगा और साथ ही हमारे राज्य के खिलाड़ियों के अधिकारों पर डाका डालेंगे।

संघर्ष समिति के संयोजक ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में राज्य की टीमों से खेल रहे दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को तुरंत निकाला जाए और उनके स्थान पर राज्य के खिलाड़ियों को खिलाया जाए और राज्य के जो खेल संघ उत्तराखंड राज्य की टीमों से दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को खिला रहे हैं उसके जिम्मेदार पदाधिकारियों एवं अधिकारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाये।

राष्ट्रीय खेलों में राज्य की टीम से मेडल पाने वाले खिलाड़ियों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए कि वो इस राज्य के मूल/स्थाई निवासी हैं या नहीं। राज्य की टीम से खेल रहे मेडल प्राप्त खिलाड़ियों के आधार कार्ड वेरिफिकेशन और आधार कार्ड की हिस्ट्री की जांच हो जिससे खिलाड़ी के सम्बंधित राज्य के होने की पुष्टि हो सके।

अगर राज्य के युवाओं और खिलाडियों के न्याय नहीं हुआ और दूसरे राज्य के खिलाडियों को उत्तराखंड की टीमों से नहीं हटाया गया और जिम्मेदार पदाधिकारियों एवं अधिकारियों पर कारवाई नहीं हुई तो हम राज्य में हो रहे राष्ट्रीय खेलों का विरोध करेंगे।

What’s your Reaction?
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें