हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। अपने हल्द्वानी में ये एक अच्छी बात है कि यहां पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार अपनी ड्यूटी निभाने से पीछे नहीं हटते। हल्द्वानी ने देखा है कि कैसे जाड़ा, गर्मी, बरसात में व्यवस्था बनाने के लिए अधिकारी जूझते रहते हैं।
शहर में कैसे लॉ एंड ऑर्डर बना रहे, इसके लिए पुलिस – प्रशासन के अधिकारियों की शिद्दत वाली ड्यूटी वाकई शहर के लोगों को निश्चिंत करती है।
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लेकिन बड़ी दिक्कत तब सामने आती है जब पुलिस – प्रशासन के अधिकारी अपनी बैठकों का फॉलोअप लेना भूल जाते हैं या नजरअंदाज कर देते हैं। जिसके बाद परिणाम वही ढांक के तीन पात…
अब देखिए न पिछले दिनों पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने शादी सीजन में हल्द्वानी की सड़कों को जाम से मुक्त करने के लिए बैंक्वेट हॉल मालिकों और बैंड बाजे वालों के साथ बैठक की थी। तय हुआ था किसी भी सूरत में हल्द्वानी की सड़कों में जाम नहीं लगने दिया जाएगा। अगर किसी भी बैंक्वेट हॉल मालिक और बैंड बाजे वाले ने नियम तोड़ा तो कठोर कार्रवाई तय है।
यानी सात फेरे और सात वचन तो नव दंपत्ति लेंगे और “आठवां वचन” बैंकेट हॉल मालिकों और बैंड वालों को निभाना था। लेकिन ऐसा हो न सका।
अगर आप हल्द्वानी में रहते हैं और शाम से देर रात तक आपका पाला हल्द्वानी की सड़कों से पड़ता है तो आप जानते होंगे कि कैसे हल्द्वानी के मुख्य हाइवे से लेकर गली मोहल्लों के बैंकेट हॉल के बाहर लम्बा जाम लग रहा है।
बैंकेट हॉल के बाहर आधे तिरछे गाड़ियां पार्क हो रही हैं लेकिन जो मजाल बैंकेट हॉल मालिक यातायात की तरफ नजर फेर लें। बैंड वालों के लिए भी कई नियम बनाए गए थे लेकिन अधिकतर ताक पर रखे जा रहे हैं।
लेकिन जो मजाल आज दिन तक पुलिस प्रशासन ने किसी भी नियम तोड़ने वाले बैंक्वेट हॉल मालिक या बैंड वाले के खिलाफ एक्शन किया हो। यानी पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने अपनी ही बैठक में अपने ही आदेश का मखौल बना दिया।
हां, इतना जरूर होता है कि अगले दिन के अखबार और डिजिटल मीडिया के दौर में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के फैसले कुछ ही मिनटों में हल्द्वानी के लोगों के मोबाइल से होते हुए उत्तराखंड और देश दुनिया तक पहुंच जाते हैं।
यही वजह है कि हल्द्वानी के लोगों को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकों में आए फैसलों पर यकीन नहीं हो पाता।
आज एक बार फिर हल्द्वानी के बिगड़ते यातायात को लेकर एक अहम बैठक कोतवाली परिसर में बने सभागार में हुई। जिसमें में मुख्य रूप से एसपी क्राइम/ट्रैफिक हरबंस सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई मौजूद रहे।
बैठक का मुद्दा हल्द्वानी शहर के ई–रिक्शा चालकों के रूट के साथ साथ उनका परिचय पत्र और वर्दी था। हालाकि ये भी एक सच है कि मुख्य हाइवे पर ई रिक्शा नहीं दौड़ाने का आदेश ई रिक्शा चालकों और मालिकों को बिल्कुल भी रास नहीं आया है। ऐसे में ये पूरे आसार बन रहे हैं वो इसका उल्लंघन भी करेंगे।
हल्द्वानी पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा ई–रिक्शा संचालक को राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। इन नियमों का उल्लंघन करने चलने वाले ई-रिक्शा चालकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, एसपी क्राइम/ट्रैफिक हरबंस सिंह के अनुसार, ई–रिक्शा को हल्द्वानी के मुख्य मार्गों नैनीताल रोड, बरेली रोड, रामपुर रोड, कालाढूंगी रोड में प्रतिबंधित किया गया है।
हालांकि अभी ई रिक्शा चालकों को सत्यापन के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। सत्यापन पूर्ण होने के बाद एक बार फिर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की बैठक होगी जिसके बाद ई रिक्शा चालकों को उनका रूट बताया जाएगा।
इसके साथ ही सभी ई–रिक्शा चालक निर्धारित पोशाक पहनेंगे और अनिवार्य रूप से अपने पास पहचान पत्र भी रखेंगे।
बैठक में सामने आया कि अभी तक मात्र 543 ई रिक्शा चालकों द्वारा ही सत्यापन किया गया है। जिनके द्वारा अभी तक सत्यापन की सत्यापन नहीं कराया गया है वे सभी सत्यवान की कार्रवाई पूर्ण करा लें। इसके उपरांत यदि कोई वाहन बिना सत्यापन के पाया जाता है तो संबंधित चालक समेत वाहन के मालिक के विरुद्ध भी चालानी कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षक यातायात शिवराज सिंह राणा को बरेली रोड और रामपुर रोड में सरहदीय जनपद से माल/सामान ढोने वाले ई–रिक्शा चालकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
अब पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की इस बैठक का कितना असर आने वाले दिनों में हल्द्वानी की सड़कों पर देखने को मिलता है, यह तो वक्त ही बताएगा।
लेकिन ये तय है कि सिर्फ बैठक करने तक ही अगर जिम्मेदार सीमित रहेंगे और अपने फैसलों का फॉलोअप नहीं लेंगे तो हल्द्वानी में पुलिस प्रशासन की नियत पर सवाल तो उठेंगे ही।
बताते चलें कि जिस वक्त एसपी ट्रैफिक/ क्राइम हरबंस सिंह ई रिक्शा चालकों के साथ मीटिंग कर रहे थे, ठीक उसी समय देहरादून में बैठा शासन उनके तबादले का आदेश टाइप कर था। अब नए आदेश के तहत हरबंस सिंह को अल्मोड़ा का अपर पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। उनकी जगह पर जगदीश चंद्र को जिम्मेदारी दी गई है।