
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। नैनीताल जिले में सरकारी विभागों का गजब हाल है। अब देखिए न जब हल्द्वानी निवासी एक आरटीआई कार्यकर्ता ने शिक्षा विभाग से मिड डे मील यानी मध्यान्ह भोजन की जानकारी लेनी चाही तो जवाब सुन हक्के बक्के रह गए।
आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि शिक्षा विभाग से मध्यान्ह भोजन की सूचना मांगी तो अधिकतर ब्लॉक विद्यालयों ने दे दी, लेकिन रामगढ़ ब्लॉक के उप शिक्षाधिकारी कार्यालय ने वैसी ही सूचना देने के लिए एक लाख अट्ठाइस हजार सोलह रुपए की फीस मांग कर डाली।

हल्द्वानी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गौनिया ने शिक्षा विभाग के नैनीताल जिले के सभी आठ ब्लाकों से 10 वर्ष में विद्यालय में दूध, अंडों और मध्यान्ह भोजन का हिसाब मांग लिया। उन्हें, इसकी सूचना सभी ब्लॉकों ने तो दे दी लेकिन रामगढ़ ब्लॉक के उप शिक्षाधिकारी कार्यालय ने उसी सूचना को देने के लिए 1 लाख 28 हजार और 16 रुपए (₹1,28,016) की फीस जमा करने को कह दिया।
हेमंत ने बताया कि ओखलकांडा ब्लॉक के ककोडगाजा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने ₹2000 की फीस मांगी, हल्द्वानी ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज लालकुआं ने ₹1680 रुपए की फीस मांगी, भीमताल ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज पटगांव ने ₹1686 की फीस मांगी, राजकीय इंटर कॉलेज ओखलकांडा ने ₹1240 रुपए की फीस मांगी, राजकीय इंटर कॉलेज पदमपुर मिडार ने ₹2000 की फीस मांगी जिसे जमा कर दिया गया।
ऐसी ही 10 वर्ष की सूचना को राजकीय इंटर कॉलेज गहना ने तीन पत्रों में निःशुल्क दिया और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवपुरा कोटाबाग ने छह पत्रों में निःशुल्क दी।
उन्होंने सवाल ये उठाया है कि जब स्कूल निःशुल्क और सामान्य शुल्क लेकर सूचना मुहैय्या करा रहे हैं, तो इस विद्यालय में उसी के लिए लाखों रुपए क्यों मांगे जा रहे हैं ? आरोप लगाया कि वहां मध्यान्ह भोजन और अंडा दूध के सरकारी रजिस्टर भरे ही नहीं जाते। सूचना न मांगी जाए इसलिए उनसे अत्यधिक रुपया वसूला जा रहा है।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️)

