
शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू हो रही है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और पालकी पर सवार होकर जाएंगी। इतना ही नहीं, इस बार चतुर्थी तिथि की बढ़ोत्तरी होने से नवरात्र 10 दिन की होगी।
जब भी सोमवार से नवरात्र शुरू होते है तो मातारानी हाथी पर सवार होकर आती हैं जो बहुत शुभ और फलदायी माने जाते हैं। हिंदू पुराणों में मान्यता है कि कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है इसलिए देवी की पूजा से पहले कलश का पूजन किया जाता है।

साल में चार नवरात्र होती है। चैत्र नवरात्र, शारदीय नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र होती है। शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व होता है। इस बार नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से होगी। समापन दो अक्तूबर को होगा।
ज्योतिषाचार्य अमित गहतोड़ी ने बताया कि इस बार माता रानी गज यानी हाथी पर सवार होकर आएंगी और पालकी पर सवार होकर जाएंगी। इस बार नवरात्र का योग देश और दुनिया के लिए सुखदायक है। इसके साथ ही शक्ति की आराधना का यह पर्व राष्ट्र के लिए उन्नति सूचक है। देश की संप्रभुता एवं प्रभाव बढ़ेगा।
हाथी पर मां के आगमन से देश और जन समुदाय में सुख-समृद्धि, वैभव एवं यश की प्राप्ति होगी। मातारानी सभी को ऐश्वर्य, विजय एवं संपन्नता प्रदान करेंगी।
इस बार गज पर आगमन होने से माता धन-धान्य की वृद्धि, कृषि कार्य में बढ़ोतरी, अच्छी वर्षा, सुख-समृद्धि एवं विजय प्रदान करेंगी।
दरअसल, चतुर्थी तिथि में बढ़ोतरी होने के कारण नौ के बजाय 10 दिन तक शक्ति की आराधना भक्त करेंगे। नवरात्र में तिथि की बढ़ोतरी अच्छी मानी जाती है। देश का व्यापार बढ़ेगा, पड़ोसियों से संबंध सुधरेंगे और यह शुभ फलदायक है। ये संकेत है कि आने वाला समय सुख-समृद्धि से परिपूर्ण होगा।
प्रतिपदा पर हस्त नक्षत्र में होगी घटस्थापना
शारदीय नवरात्र की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर होगी। इस दिन सुबह से ही हस्त नक्षत्र लग रहा है। इस दौरान कलश स्थापना बहुत शुभकारी मानी जाती है। इस दिन पूरे दिन शुक्ल योग भी मिल रहा है।
घटस्थापना मुहूर्त
सुबह 05:58 बजे से 07:52 बजे तक
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त –
दोपहर 11:37 बजे से 12:25 बजे तक
शारदीय नवरात्रि तिथि
22 सितंबर : प्रतिपदा तिथि- शैल पुत्री।
23 सितंबर : द्वितीया तिथि- ब्रह्मचारणी।
24 सितंबर : तृतीया तिथि- चंद्रघण्टा।
25 सितंबर : चतुर्थी तिथि-कूष्मांडा।
26 सितंबर : चतुर्थी तिथि-कूष्मांडा।
27 सितंबर : पंचमी तिथि-स्कंद माता।
28 सितंबर : षष्ठी तिथि-कात्यायनी
29 सितंबर : सप्तमी तिथि-कालरात्रि।
30 सितंबर : अष्टमी तिथि-महागौरी।
01 अक्तूबर : नवमी तिथि-सिद्धि दात्री
02 अक्तूबर : दशमी, दशहरा
भक्तों का विश्वास है कि नवरात्र में जो भी सच्चे मन से पूजा करते हैं, माता उनकी झोली खुशियों से भर देती हैं। नवरात्र की तैयारी को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है।
बात अगर हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों की करें तो नवरात्रि के साथ ही रामलीला मंचन भी शुरू हो जाएगा। बाजार स्थित रामलीला मैदान में दिन की रामलीला शुरू हो चुकी है।

