देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड का शायद ही कोई ऐसा शहर होगा जहां की शत प्रतिशत दुकानों में एमआरपी पर शराब बिक्री होती हो। शराब के शौकीन सेल्समैन के सामने जब आपत्ति जताते भी हैं तो जवाब आता है लेना हो तो लो नहीं तो कहीं और से ले लो।
शराब ठेकों पर हल्द्वानी से लेकर देहरादून तक लगातार ओवर रेटिंग की शिकायतें मिल रही हैं। अधिकारी छापा मारते हैं तो ओवररेटिंग एक दो दिन बंद हो जाती है लेकिन एक दो दिन बाद फिर संचालक अपने पुराने ढर्रे पर चल पड़ते हैं।
आज देहरादून के डीएम सविन बंसल भी ओवर रेटिंग की शिकायत पर खुद ही ओल्ड मसूरी रोड अंग्रेजी शराब के ठेके पर ग्राहक बनकर पहुंच गए। उन्होंने मैकडॉवेल की बोतल देने को कहा तो सेल्समैन ने उनसे 680 रुपये लिए। डीएम ने एमआरपी देखी तो 660 थी।
इस दौरान ठेके के एक कर्मचारी ने डीएम को पहचान लिया। तब पता चला कि पैंट शर्ट पहने यह कोई आम ग्राहक नहीं बल्कि खुद जिले के सबसे बड़े अधिकारी डीएम हैं। जिसके बाद ठेके के कर्मचारी बगलें झांकने लगे। डीएम ने ठेका संचालक का 50 हजार ₹ का चालान कर दिया।
थोड़ी देर बाद ही पीछे से डीएम का सरकारी काफिला भी पहुंच गया। इसके बाद डीएम सविन बंसल ने दुकान के अंदर स्टॉक भी चेक किया।
डीएम सविन बंसल ने बताया कि दुकान संचालक का 50 हजार रुपये का चालान किया गया है। दूसरी दुकानों में भी जांच के आदेश दिए हैं।
जिसने भी डीएम के इस छापे की खबर सुनी वह इतना जरूर बोला, डीएम साहब ऐसे ही छापे कभी नगर निगम, तहसील, प्राधिकरण, आरटीओ और हर उस दफ्तर में भी मारो जहां हर रोज आम आदमी लुटता है। शराब की दुकान में 20 रुपए ज्यादा तो शौकीन झेल लेंगे लेकिन बाकी सरकारी विभागों में जो हजारों रुपए की रिश्वत का दंश झेलना पड़ता है, वो कब खत्म होगा, यह बड़ा सवाल है?